एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी पर संतप्त शिवसैनिकों ने हमला किया, हम इसका विरोध करते है: सामना

महाराष्ट्र में राजनीतिक बवाल लगातार जारी है. कंगना रनौत बनाम शिवसेना के मसले पर शुरू हुई जंग, भाजपा बनाम महाराष्ट्र सरकार के बीच में बदल गई है. इस बीच शिवसेना का अपने मुखपत्र सामना के जरिए लगातार हमले करना जारी है. सोमवार को भी चीन से लेकर कोरोना के बढ़ते संकट के मसले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया गया.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 लाख तक पहुंच गई है, अब तक 70 हजार मौतें हो चुकी हैं. राज्यों में कोरोना का कहर तमाम प्रयासों के बावजूद खत्म नहीं हो रहा है, ऐसे पार्श्वभूमि में संसद का अधिवेशन शुरू हो रहा है. देश के समक्ष समस्या गंभीर है.’

सामना में लिखा गया, ‘लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चिंता का ‘चीनी’ पारा रोज बढ़ रहा है, कश्मीर में अब पाकिस्तानी सरेआम गुप्त सर्जिकल स्ट्राइक करने लगे हैं. अर्थव्यवस्था के बारह बजे ही हैं तो लॉकडाउन, नोट बंदी के कारण करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस पर संसद के दोनों सदनों में गंभीरतापूर्वक चर्चा होनेवाली है क्या? रोजी-रोटी, आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विषयों पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन देश की सुरक्षा के, लोगों की रोजी-रोटी के मुद्दों को हाशिए पर धकेलने के लिए अन्य व्यर्थ मुद्दों को कुरेदकर निकाला जा रहा है.

मुंबई के मसले पर लिखा गया कि मदन शर्मा नामक एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी पर संतप्त शिवसैनिकों ने हमला किया, इसका समर्थन कोई नहीं करेगा, इसका निषेध ही होना चाहिए लेकिन यह जो कोई सेवानिवृत्त अधिकारी महोदय हैं, उन्होंने राज्य की जनता द्वारा नियुक्त मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में आपत्तिजनक व्यंग्य चित्र सोशल मीडिया पर साझा करके क्या हासिल किया? संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का सम्मान करो, ऐसा इन महोदय को नौसेना में रहते कोई सिखाया नहीं था क्या?

सामना में निशाना साधा गया कि आप जिस राज्य में रहते हो, कमाते हो, सुख से जीते हो उस राज्य के नेताओं के बारे में कुछ भी व्यर्थ बोलना और उस पर संतप्त होकर कोई तुम्हारा मुंह फोड़ दे तो उसे अन्याय, अत्याचार, आजादी पर हमला आदि व्यर्थ विशेषण इस्तेमाल करके राजनीति करना, ताज्जुब यह है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह महोदय तुरंत पूर्व नौसेना अधिकारी से फोन पर बात करके सांत्वना आदि देते हैं.

कंगना रनौत के मसले पर सामना के लेख में कहा गया है कि एक अभिनेत्री ने मुंबई का, मुंबई पुलिस का अपमान किया इसलिए नाराजगी व्यक्त की गई. उसे धमकी मानकर उसे ‘वाई प्लस’ ऐसी जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था हिमाचल व केंद्र सरकार ने दी. महिला की मर्यादा के बदले उनकी जितना सराहना की जाए उतना कम ही होगी.

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