पाकिस्तान एक बार फिर भारत से डरा हुआ है। इस बार उसने संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद को पत्र लिखकर ‘भारत से उत्पन्न खतरे’ के बारे में सचेत किया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आएशा फारूकी ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस और सुरक्षा परिषद अध्यक्ष केली क्राफ्ट को पत्र लिखकर विस्तार से बताया है कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों की तैनाती और संघर्षविराम उल्लंघन की लगातार बढ़ती घटनाओं ने पाकिस्तान के लिए खतरा पैदा कर दिया है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सबसे ज्यादा पाकिस्तान की तरफ सीजफायर का उल्लंघन हुआ है और इसमें कई आम नागरिकों की भी मौत हुई है।

फारूकी ने कहा, “हमने अपनी चिंताओं और डर को अंतरार्ष्ट्रीय संस्थाओं के साथ-साथ अपने दोस्तों के साथ साझा किया है।” पाकिस्तान हाल के दिनों में आरोप लगाता रहा है कि ‘भारत में नागरिकता कानून व एनआरसी जैसे मुद्दों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए भारत कोई फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन कर सकता है।’ इस संदर्भ में फारूकी ने कहा, “पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रयासों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की कीमत पर हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के भारत सरकार के एजेंडे का पदार्फाश किया है।”
इसके साथ ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अलग से जारी एक बयान में भारत के नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवाने के ‘आतंक की जड़ पर पहले ही प्रहार करने’ के बयान को ‘गैर जिम्मेदार’ करार देते हुए कहा कि वह किसी भी आक्रामक कार्रवाई का भरपूर जवाब देने में सक्षम है।
भारतीय सैन्य प्रमुख ने कार्यभार संभालने पर मंगलवार को कहा था कि अगर पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बंद नहीं करेगा तो हम पहले से ही खतरे की जड़, आतंकवाद के स्रोत पर प्रहार करेंगे। यह हमारा अधिकार है। हम अपने इरादे स्पष्ट रूप से अपनी एक से अधिक सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट ऑपरेशन में दिखा चुके हैं।
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