24 घंटे के अंदर विशाखापट्टनम में एक बार फिर केमिकल प्लांट से गैस लीक होने की खबर है. रात करीब 11 बजे अचानक गैस का रिसाव देखा गया, लेकिन इस बार प्रशासन तुरंत हरकत में आया और रात में ही 5 किलोमीटर के दायरे में तमाम लोग इलाके से हटाए गए. हालांकि अब रिसाव पर काबू पा लिया गया है.
इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 352 लोगों का इलाज चल रहा है. प्रशासन का कहना है कि गैस को निष्क्रिय करने के लिए गुजरात से आई पीटीबीसी केमिकल का इस्तेमाल जब तक नहीं किया जाता है, तब तक यानी अभी दो दिनों तक हटाए गए लोग अपने घरों में वापस न लौटे.
गैस को निष्क्रिय करने की अगुवाई पुणे से आई एनडीआरएफ एक्सपर्ट की टीम कर रही है. मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 70 जवानों की टीम मौजूद है.
गौरतलब है कि गुरुवार देर रात एक बार गैस लीक ने विशाखापट्टनम में हड़कंप मचा दिया था. एलजी पॉलिमर फैक्ट्री में दोबारा स्टाइरीन गैस रिसाव हुआ. फायर विभाग के अफसरों के मुताबिक, गुरुवार को जिस टैंकर से रिसाव के कारण हादसा हुआ था, उसी टैंकर से फिर गैस रिसने लगा.
इसके बाद बिल्कुल देर ना करते हुए प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. फायर ब्रिगेड की लगभग 60 गाड़ियां और कई कर्मचारी बचाव में लग गए. प्रशासन ने रात में ही 5 किलोमीटर के दायरे में हर किसी को हटाने का काम फिर से शुरू कर दिया था. लोगों को तुरंत इलाके को खाली करने को कहा गया है.
गैस लीकेज को रोकने में कामयाबी के बाद दोबारा उसमें रिसाव से इलाके में दहशत फैल गई है. हालांकि इसबार प्रशासन सतर्क था. तभी तो रिसाव होते ही बचाव का काम शुरू हो गया. देर रात पीटीबीसी केमिकल को एयर इंडिया के स्पेशल कार्गो विमान से गुजरात से विशाखापट्टनम पहुंचाया गया है.
इससे पहले गुरुवार की सुबह जब स्टाइरीन गैस लीक हुई तब आसपास के गांव के लोग सो रहे थे. आंख खुली तबतक हवा में मिली खतरनाक गैस ने अपना काम कर दिया था.
हर तरफ बदहवास देखी गई. बहुत से लोग सड़कों पर बेहोश पड़े थे. अबतक गैस रिसाव से 12 लोगों की मौत हो गई है. कई बीमार बताए जा रहे हैं.
लॉकडाउन के कारण बंद हुई केमिकल यूनिट में कुछ दिन पहले ही फिर से काम शुरू किया गया था. शुरुआती जांच रिपोर्ट में पता चला था कि गैस वॉल्व में दिक्कत आने के कारण गुरुवार सुबह 2.30 बजे गैस का रिसाव शुरू हुआ था. हालांकि, अभी मामले की पूरी जांच की जा रही है.