गया [जेएनएन]। बिहार के गया में रहने वाले एक परिवार के सभी 25 सदस्यों को हाथ-पैर में 24 अंगुलियां हैं। ऐसा कई पीढि़यों से होता आ रहा है। इस कारण यह परिवार इलाके में चर्चा व कौतूहल का केंद्र है। डॉक्टर इसे आनुवांशिक बीमारी बता रहे हैं।
गया के टेउसा गांव के कृष्णा चौधरी (50 वर्ष) के परिवार के 24 सदस्यों को प्रत्येक हाथ-पैर में 12-12 अंगुलियां हैं। कृष्णा बताते हैं कि उनके पिता और दादा को भी हाथ-पैर मिलाकर इसी तरह 24 अंगुलियां थीं। कृष्णा के अपने तथा पिता के भाई-बहनों का भी यही हाल है।
दैनिक मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाले कृष्णा कहते हैं, ”मुझे अपनी अपनी अंगुलियों से कोई परेशानी नहीं। लेकिन, इस कारण बेटी की शादी करने में परेशानी आ रही है। ठंड के मौसम में भी सभी चप्पल से काम चलाते हैं, क्योंकि पैरों में छह-छह अंगुलियों के कारण जूते नहीं मिलते।”
परिवार की सबसे छोटी सदस्य मनीषा करीब एक साल की है। उसे तो अपनी बीमारी के बारे में कुछ पता नहीं, लेकिन अन्य बच्चों राजू चौधरी, पिंटू चौधरी, सन्नी चाौधरी, पवन चौधरी की माने तो उन्हें पढ़ने-लिखने के दौरान कलम पकड़ने में परेशानी होती है। बच्चे कहते हैं कि गांव में बच्चे कभी-कभी उन्हें अंगुलियों को लेकर चिढ़ाते हैं।
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कृष्णा की साली सितबिया चौधरी इसे भगवान का आशीर्वाद बताती है, हालांकि परिवार के लोग इसे किसी श्राप से कम नहीं मानते। डॉक्टर इसे आनुवांशिक रोग बता रहे हैं। मेडिकल भाषा में इसे ‘पॉलीडक्टाइली’ कहते हैं, जो जीन्स के विकास के समय परिवर्तन के कारण होता है। डॉक्टर बताते हैं कि अतिरिक्त अंगुलियों को सर्जरी कर हटाया जा सकता है, हालांकि इनके साथ जीने में भी कोई परेशानी नहीं है।
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