एक तिहाई जिंदगी सोने में गुजारने के बावजूद आप नहीं जानते होंगे नींद से जुड़े ये रोचक तथ्‍य

एक तिहाई जिंदगी सोने में गुजारने के बावजूद आप नहीं जानते होंगे नींद से जुड़े ये रोचक तथ्‍य

बताओ तो जानें एक तिहाई जिंदगी सोने में गुजारने के बावजूद आप नहीं जानते होंगे नींद से जुड़े ये रोचक तथ्‍य

अच्‍छा क्‍या आप इस सवाल का जवाब दे सकते हैं कि हम सोते क्‍यों हैं। सच तो ये है आज तक कोई नहीं बता सका की इंसान सोता क्‍यों है। 

सोते में करता है दिमाग अनोखा काम

आपका दिमाग कितना सर्तक रहता है इसका एक नमूना ये है कि अगर उसे लगता है की आप किसी खतरे में नही हैं तो वे उन आवाजो को छानकर अलग कर देता है जो आप को नींद से जगा सकती हैं, और आप अपनी नींद आराम से पूरा कर पाते हैं।।

थकान का भी है खास टाइम 

इंसान अक्सर दोपहर के 2.00 बजे और रात के 2.00 बजे सबसे ज्यादा थकान महसूस करता है, ऐसा क्‍योंहै इसका भी कोई सुनिश्‍चित उत्‍तर नहीं मिल सका है।

हारमोन पर असर 

नींद का प्रभाव आपके हारमोन स्‍तर के घटने बढ़ने पर काफी ज्‍यादा पड़ता है। एक अध्‍ययन के अनुसार जो लोग ज्यादा या पूरी नींद नहीं सोते उनके हारमोन का स्तर जल्दी गिरता हैं।

50 साल पुराना कीर्तिमान 

सबसे ज्यादा समय तक लगातार जागने का रिकार्ड 50 साल से ज्‍यादा समय से अब तक कायम है। 1964 में 17 साल के रैंडी गार्डनर ने 264 घंटे 12 मिनट तक जगे रहने का कीर्तिमान बनाया था जो 54 साल बीतने के बावजूद नहीं टूटा है। 

सपना लौट सकता है 

आप एक खूबसूरत सपना देख रहें और आपकी नींद अचानक खुल जाये तो पर बड़ा गुस्‍सा आता है। यहां हम आपको एक मजेदार बात बताते हैं कि अगर आप किसी सपने से जाग गए हैं और वापस उस सपने को देखना कहते हैं तो आपको जल्दी से आंखे बंद करके दोबारा सो जाइये आमतौर पर वही सपना आपको फिर दिखाई दे जाता है। हांलाकि ये तरीका हर बार कारगर नहीं भी होता पर ये तय है कि आप एक अच्छा सपना जरूर देख पाते हैं। 

नींद में चलना बोलना है सामान्‍य 

कुछ लोगों को नींद में बोलने या चलने की आदत होती है, अगर ऐसा कुछ आपके साथ हो तो हैरान बिलकुल मत होईये। आपको जानकर हैरानी होगी कि 15% आबादी को नींद में चलने की और 5% जनसंख्या को नींद में बोलने की बीमारी होती है।

खुशी में उड़ जाती है नींद

जीहां ये मुहावरा यूंही नहीं बना की इसे तो खुशी से नींद नहीं आती वाकई में जब आप खुश होते हैं तो कम नींद में काम चल जाता है।

नींद पर मनमर्जी 

जी हां कुछ लोग नींद से बेहाल हो जाते हैं और कहते हैा कि उस पर उनका जोर बिलकुल नहीं है, पर ये सच नहीं है आप नींद को काबू में कर सकते हैं। एक लेख के अनुसार महात्मा गांधी में ये हुनर था। वे अपनी इच्छा अनुसार सो और जाग सकते थे। पांच मिनट की गहरी नींद ही उनके के लिए पर्याप्‍त होती थी। 

नींद का असर  

विभिन्‍न शोध में नींद से जुड़ी कई अनोखी बातें पता चली हैं जैसे सुबह 3 से 4 बजे के बीच इंसान का शरीर सबसे कमज़ोर होता है, यही कारण है कि ज़्यादातर लोगों की नींद में मृत्यु इसी समय होती है। इसी तरह नींद में छींकना असंभव है और इंसान बिना खाए 2 महीने तक जीवित रह सकता है, लेकिन बिना सोये केवल 11 दिन तक जीवित रह पाता है। 

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