वो कहते हैं ना कि जो गिरता है, वही उठता है। शेयर बाजार के साथ भी कुछ ऐसा ही है। शेयर बाजार का इतिहास है कि यह जब भी गर्त में गया है, इसने दोबारा नई ऊचाईयां छुई है। यही कारण है कि गिरावट के दौर को शेयर बाजार में निवेश का सबसे सही समय माना जाता है और एक्सपर्ट्स के अनुसार यह वही सही समय है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक सेंसेक्स ने शुक्रवार को 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर को छुआ है। यही नहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक Nifty में शुक्रवार को ही लोअर सर्किट लगा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह निवेश के लिए बेहतर समय है।
हर बड़े वायरस के प्रकोप के बाद बाजार में आया है उछाल
भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का सबसे बड़ा कारण इस समय कोरोना वायरस है। कोरोना वायरस ने दुनिया भर की कारोबारी गतिविधियों को प्रभावित किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना वायरस कोई स्थायी समस्या नहीं है। पिछले विषाणुओं की तरह ही इसका प्रकोप भी समाप्त हो जाएगा। इतिहास बताता है कि SARS, बर्ड फ्लू, इबोला और जीका वायरस के प्रकोप के कम होने के बाद दो से चार महीने तक सेंसेक्स में तेजी से उछाल देखने को मिला था। कोरोना वायरस के प्रकोप के कम होने के बाद शेयर बाजार में कुछ वैसा ही होने की संभावना है। इतिहास अपने आपको दोहरा सकता है और इस समय निवेश कर निवेशक ना सिर्फ वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं बल्कि बाजार में चमत्कारिक ग्रोथ भी देख सकते हैं।
तीन पार्ट में करें निवेश
शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट को रिकवर होने में करीब 5 से 6 महीने लग सकते हैं। ऐसे में केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर और रिसर्च हेड अजय केडिया का कहना है कि निवेशकों को तीन पार्ट में निवेश करने की प्लानिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मार्च, अप्रैल और मई में तीन हिस्सों में शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है।
खपत आधारित सेक्टर्स में निवेश से होगा लाभ
यह तो आप जान ही गए हैं कि यह निवेश के लिए उपयुक्त समय साबित हो सकता है और निवेशकों को तीन पार्ट में निवेश करने की प्लानिंग करनी चाहिए। इसके बाद अगला सवाल यह है कि निवेश के लिए कौनसे सेक्टर्स सबसे बेहतर साबित होंगे। अजय केडिया इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि भारत एक खपत आधारित देश है इसलिए बेसिक खपत से जुड़े सेक्टर्स में निवेश बेहतर साबित हो सकता है। अर्थात रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने वाली वस्तुओं से संबंधित गतिविधियों वाली कंपनियों में निवेश बेहतर साबित हो सकता है।
मौकों को भुनाएं निवेशक
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार ने अपने निचले स्तर को छू लिया है और अब इसमें थोड़ा उतार-चढ़ाव दिखता रहेगा। ऐसे में निवेशक अगर मौकों को भुनाएं, तो वे काफी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। ओसवाल ने बताया कि कई ऐेसे शेयर हैं जिनमें एक ही दिन में 50 से 60 फीसद का उछाल देखने को मिला है। निवेशक इन मौकों को भुनाकर काफी अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
कोरोना वायरस है भारत के लिए अपॉर्चुनिटी
किशोर ओसवाल बताते हैं कि भारतीय कारोबार के लिए कोरोना वायरस अपॉर्चुनिटी है, क्योंकि भारत में अधिक तापमान के कारण कोरोना का खतरा अधिक नहीं है, लेकिन चीन, इटली और जर्मनी जैसे देशों में इसने काफी तबाही मचाई है। इसके चलते इन देशों के बिजनेस को अपने पाले में लेने का भारत के पास अच्छा मौका है। ओसवाल के अनुसार, केमिकल सेक्टर में भारत के लिए सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं।