ऋषिकेश में विदेशी महिला सहित तीन लोग को कोरोना वायरस की आशंका के चलते एम्स में कराया भर्ती

जनपद पौड़ी के लक्ष्मण झूला क्षेत्र में ठहरी एक इटली की महिला को कोरोना वायरस की आशंका के चलते एम्स में भर्ती कराया गया है। इसके अतिरिक्त एम्स की एक महिला चिकित्सक सहित दो अन्य लोगों को भी एहतियातन एम्स के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। तीनों लोगों से रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

जनपद पौड़ी के लक्ष्मण झूला क्षेत्र में ठहरी एक इटली की महिला पर्यटक को बुखार की शिकायत होने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका को देखते हुए जांच के लिए एम्स में भर्ती कराया गया है। थाना लक्ष्मण झूला के थानाध्यक्ष आरएस कठैत ने बताया कि स्वर्गाश्रम के कृष्णा कॉटेज में 28 फरवरी को इटली निवासी 33 वर्षीय महिला आकर रुकी थी। उसे पिछले कुछ दिनों से बुखार की शिकायत थी। स्वास्थ्य विभाग पौड़ी के स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया गया। इस महिला ने टीम को बताया कि होली के दिन भीगने के बाद उसे बुखार की शिकायत हुई थी। एहतियात बरतते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की टीम को आवश्यक जांच के लिए बुलाया गया। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि विदेशी महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करते हुए रक्त का नमूना जांच के लिए भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि दो अन्य संदिग्ध कोरोना वायरस संक्रमित लोगों को एम्स में रखा गया है। जिनमें एक एम्स की ही 27 वर्षीय महिला चिकित्सक शामिल है। उन्होंने बताया कि यह महिला चिकित्सक एक से तीन मार्च तक गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू में ठहरी थीं। जहां कोरोना वायरस पॉजिटिव दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि इस दौरान वहां किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं रहीं। यहां आने पर उसे कोरोना वायरस से संबंधित चार लक्षण पाए गए। इसी तरह हरिद्वार निवासी एक 21 वर्षीय युवक को भी एम्स में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। यह युवक नौ फरवरी तक दिल्ली में रहा, इस दौरान वहां वह कई स्थानों पर घूमा। उसे जब कोरोना वायरस संबंधित मिलते-जुलते लक्षण की शिकायत हुई तो एम्स में लाया गया। दोनों ही लोगों के रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

दून में कोचिंग संस्थान भी 31 मार्च तक बंद

कोरोना वायरस का प्रकोप विदेशों के साथ देश में लगातार बढ़ रहा है। वहीं प्रदेश में भी इसके पहले मामले की पुष्टि हो गई है। दून के एफआरआइ में पढ़ाई कर रहे एक प्रशिक्षु में इसकी पुष्टि हुई है। जिसके चलते सतर्कता बरतते हुए देहरादून में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने दून में संचालित कोचिंग संस्थानों को 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

देश भर के कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज से लेकर मॉल तक बंद करवा दिए गए हैं। प्रदेश में भी सभी सरकारी एवं निजी स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। लेकिन कोचिंग संस्थान इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहे थे। कोचिंग संस्थानों में रविवार शाम तक भी कक्षाएं जारी रही। हालांकि कोचिंग संस्थानों का कहना था कि कोरोना वायरस को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। दून में छोटे-बड़े मिलाकर 200 कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग, एनडीए, बैंक समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी यहां पर होती है। हजारों छात्र-छात्राएं रोजाना इनमें कक्षाएं लेते हैं।

शासन की ओर से दो दिन पहले ही प्रदेश के सभी स्कूल 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी हो गए थे। वहीं शनिवार को सभी कॉलेज और सिनेमाघर बंद करने के लिए भी आदेश जारी हो गए। लेकिन दून के कोचिंग सेंटरों में रविवार तक पढ़ाई होती रही। रविवार देर शाम जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कोचिंग संस्थानों को भी बंद करने के आदेश दे दिए। आदेशानुसार सोमवार से लेकर 31 मार्च तक सभी कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारियों को इसका अनुपालन करवाने की जिम्मेदारी दी है। उधर बलूनी क्लासेस और अविरल क्लासेस ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पहले ही संस्थान बंद करने की पहल कर दी थी। बलूनी क्लासेस के चेयरमैन विपिन बलूनी ने बताया कि संस्थान में पहले ही दस दिन के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया था, लेकिन अब डीएम से आदेश आने के बाद 31 मार्च तक संस्थान बंद रखा जाएगा।

कोरोना वायरस को रोकने के लिए अस्पताल में बनाया फ्लू कॉर्नर

प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना को महामारी घोषित करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपनी तैयारियों को और धार देनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में अब तमाम सरकारी व निजी अस्पतालों में संभावित लक्षण वाले मरीजों के लिए अलग से ओपीडी शुरू की जाएगी। जिसे फ्लू कॉर्नर नाम दिया गया है। यहां दूसरे राज्यों और विदेश से आने वाले मरीजों की जांच की जाएगी। मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा। अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी संभावित मरीज की स्क्रीनिंग के दौरान वह उसका पूरा रिकॉर्ड रखें। उसकी पूरी ट्रैवल हिल्ट्री इस रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी। यह लिखा जाएगा कि वह कब और किस प्रभावित देश या राज्य से लौटा है। इसके अलावा कोरोना पीडि़त मरीज के संपर्क में आने वाले मरीज का भी पूरा ब्योरा रखा जाएगा। अगर किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं तो उसे 14 दिन तक निगरानी में रखा जाएगा।

प्राइवेट लैब नहीं लेंगे कोरोना के सैंपल 

सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कोरोना संदिग्ध किसी भी मरीज की जांच के लिए प्रदेश में किसी भी निजी लैब को अधिकृत नहीं किया गया है। कोरोना संदिग्ध की जांच के लिए केवल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज स्थित लैब को ही अनुमति है। सभी मरीजों के सैंपल जांच के लिए वहीं भेजे जा रहे हैं।

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