उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सनौली गांव में खुदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व विभाग (आर्कियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) (Archaeological Survey of India) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. जहां पर धरती के नीचे 4000 साल पुराने पवित्र कक्ष, शाही ताबूत, दाल-चावल से भरे मटके, तलवारें, औजार, मुकुट और इंसानों के साथ दफनाई गई जानवरों की हड्डियां तक पाई गई है.
खुदाई में ये सामग्री मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान एएसआई इंस्टिट्यूट ऑफ आर्कियॉलजी के डायरेक्टर डॉ. एस. के. मंजुल ने बताया है कि एएसआई को सनौली में महाभारत काल के कई प्राचीनतम सभ्यताओं के अवशेष प्राप्त हुए हैं. जानकारी के मुताबिक़, जनवरी 2018 में खुदाई शुरू हुए थी, जिसमें उन्हें दो रथ, शाही ताबूत, तलवारें, मुकुट, ढाल मिले थे, जिससे यह साबित हुआ था. जहां इस बात का भी प्रमाण मिला था कि 2 हजार साल पहले योद्धाओं की लंबी फौज यहां निवास करती थी.
डॉ. एस. के. मंजुल के मुताबिक, इस बार हमें खुदाई में मिले अवशेष हड़प्पन सभ्यता से अलग मिले हैं और इसे देखने पर लगता है कि मिले अवशेष हड़प्पन सभ्यता के सबसे विकसित समय के हैं और इससे यह समझने में भी आसानी होगी कि यमुना और गंगा के किनारे कैसी संस्कृति रही होगी. मंजुल ने आगे कहा कि कब्रों के पास जंगली सूअर और नेवले के शव भी पाए गए हैं. जहां अनुमान लगाया जा रहा है कि जानवरों की बलि दिवंगत आत्माओं को दी होगी. फिलहाल तो अवशेषों का डीएनए, धातु शोधन और बोटानिकल एनालिसिस किया जा रहा है.