उन दिनों न करे ये गलती, वरना इस गलती की सज़ा पड़ेगी बेहद महंगी…
August 27, 2018
ज़रा-हटके, जीवनशैली
लड़कियों और महिलाओं के लिए पीरियड्स आना आम बात है. लेकिन पीरियड्स के दौरान जो सबसे ज्यादा परेशानी लड़कियों और महिलाओं के साथ होती है वह गैस और डायरिया की समस्या है. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन दोनों हार्मोन पीरियड्स को नियंत्रित करते हैं. अंडोत्सर्ग हो सके इस वजह से प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है. इससे पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है.
बहुत सी ऐसी महिलाएं भी है जिन्हें पीरियड्स के दौरान कब्ज़-डायरिया की समस्या होती है. महिलाओं में गर्भाशय और बड़ी आंत पास-पास स्थित होती है, पीरियड्स के दौरान गर्भाशय की अंदरूनी परत मोटी हो जाती है, इसलिए बड़ी आंत पर दबाव पड़ता है, इससे भी शौच में दिक्कत होती है.
बहुत सी महिलाओं में यह देखा गया है कि जब भी पीरियड्स शुरू होते है तो पहले पेट में मरोड़ और मल त्यागने की आदतों में बदलाव आ जाता है. आंते ओवर एक्टिव हो जाती हैं, इससे डायरिया हो जाता है, इस दौरान सेरेटोनिन और ऑक्सिटोसिन का स्तर भी बढ़ जाता है. कुछ महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने के एक सप्ताह पहले ही जी मचलाने और पेट फूलने की परेशानी शुरू हो जाती है. दस्त, पेट में मरोड़, जी मचलाना, पेट फूलना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना यह सब इसके लक्षण है.
अगर आप इन सब स्थिति से बचना चाहती है तो सबसे पहले तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना शुरू कर दे. फाइबर युक्त आहार जैसे : मक्का खाना चाहिए. सेब और नाशपाती जैसे फल छिलके सहित खाना चाहिए. इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, चॉकलेट, दही, केले, पपीता का सेवन करना चाहिए. इससे मल थोड़ा ठोस हो जाता है.
इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए. कैफीन और जंक फूड्स का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, इससे डायरिया की समस्या बढ़ जाती है. पीरियड्स में प्रोजेस्ट्रॉन की वजह से गैस और पेट फूलने की समस्या हो जाती है. एक बार पीरियड्स शुरू होने पर रसायन प्रोस्टैगलैंडिन्स स्रावित हो जाता है, इससे गैस की परेशानी और बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए स्टार्च युक्त पदार्थों जैसे चावल, आलू आदि का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए. फलियों और दालों का सेवन भी कम मात्रा में ही करना चाहिए.
उन दिनों न करे ये गलती 2018-08-27