उन्नाव रेप केस में दोषी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर की. तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना था और 20 दिसंबर 2019 सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. वकोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था.
सेंगर ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने सीडीआर डाटा को गलत तरीके से समझ बैठी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि कुलदीप सिंह सेंगर की उपस्थिति को गलत तरीके के खारिज किया गया.
कोर्ट ने सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी माना था. सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी. 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था.
जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी. इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं. उन्नाव रेप कांड जघन्य साजिश, हत्या और दुर्घटनाओं से भरा हुआ है.