उत्पन्ना एकादशी से इन जातकों की चमकेगी किस्मत

अंक ज्योतिष (Mulank 6 Jyotish) और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा की मानें तो आज यानी 26 नवंबर का दिन मूलांक 08 के ( 26 November 2024 Numerology) जातकों के लिए खुशियों से भरा रहने वाला है। लेकिन एंजल के नियम का पालन करें। ऐसा माना जाता है कि एंजल की सलाह से इंसान को जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

अंक ज्योतिष में सभी अंक का विशेष महत्व है। इंसान की जन्म तिथि के आधार पर उसका मूलांक निर्धारित किया जाता है। आज के समय में टैरो कार्ड रीडिंग (Tarot card reading) की लोकप्रियता बेहद बढ़ रही है। अंक ज्योतिष के द्वारा जातक अपने जीवन में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकता है, लेकिन इसके लिए एंजल की सलाह का जरूर पालन करना आवश्यक है। अंक ज्योतिष के अनुसार, आज यानी 26 नवंबर (Numerology 26 November) का दिन मूलांक 08 के जातकों का खुशनुमा रहने वाला है।

अंक ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों का जन्म 8, 17, या 26 तारीख को होता है। उनका मूलांक 08 (Mulank 8 Jyotish) होता है। इनका स्वामी ग्रह शनि देव को माना गया है। इस मूलांक के जातक कर्मों पर विश्वास करते हैं और एकांत में रहना अधिक पसंद करते हैं। ऐसे में अंक ज्योतिष और टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा से चलिए जानते हैं कि आज का दिन मूलांक 08 के जातकों का कैसा रहने वाला है?

एंजल्स की इस सलाह का जरूर करें पालन

अपने मन के प्रति झुकाव रखें। अपने सर्वश्रेष्ठ दें। परिणामों से अलग रहें।
जो इंसान आपको परेशान करा है। उसे नजरअंदाज करें।
एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आप अपने साथ कुछ भी ले जा रहे हैं, वही आप आकर्षित भी कर रहे हैं। इसलिए अगर आप तनाव ले जा रहे हैं, तो आप इसे और अधिक आकर्षित करेंगे। इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या ले जाना चाहते हैं।
कर्म और आकर्षण के नियम एक्टिव रहें।
कार्यों को प्रेम के साथ पूरा
अपने जीवन के समर्थन की सराहना करें।

इन कार्यों से बनाएं दूरी –

बहुत अधिक पैसे के पीछे भागना।
गुस्सा करना ।
लापरवाही से वाहन चलाना।

आज कुछ सेकंड के लिए बिना रुके इसका जाप करें – ”मैं अपने जीवन के सभी आशीर्वाद के लिए आभारी हूं।”

इन मंत्रों का करें जप

ॐ नमः शिवाय
ॐ गं गणपतये नमः
नमः शिवाय
ॐ हुं हनुमते नमः
विधिपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करें।

शनि देव के मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र-
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

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