राज ठाकरे की अबतक की सियासत का मुख्य आधार मुंबई में बसे उत्तर भारतीयों का विरोध करना ही रहा है. इसी बिना पर हीएमएनएस चीफ महाराष्ट्र की राजनीति के क्षत्रप बनकर उभरे. लेकिन राज ठाकरे अपनी राजनीतिक धारा में एक बड़ा बदलाव कर सकते हैं. इसकी झलक शुक्रवार (12 अक्टूबर) को तब देखने को मिली जब उत्तर भारतीयों के एक संगठन ने राज ठाकरे को अपने एक कार्यक्रम में बतौर मेहमान आमंत्रित किया. 
उत्तर भारतीय महापंचायत नाम की इस संस्था ने राज ठाकरे को अपने कार्यक्रम में एक अहम वक्ता के रुप में बुलाया है. इस संस्था के सदस्य बकायदा शिवाजी पार्क स्थित राज ठाकरे के घर पहुंचे, उनसे मुलाकात की और कार्यक्रम में आने का न्यौता दिया.
इस संस्था के एक सदस्य ने कहा, “ऐसा कहा जाता है कि राज ठाकरे उत्तर भारतीयों के खिलाफ हैं, हम चाहते हैं कि राज साहेब कार्यक्रम में आएं और अपनी राय रखें, इससे कई भ्रम दूर होंगे, अभी उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया जाता है, इससे मुंबई का विकास प्रभावित हो रहा है.” महापंचायत का मानना है कि मुंबई में उत्तर भारतीय और स्थानीय भी शांतिपूर्वक रह सकते है.
राज ठाकरे मुंबई में रह रहे उत्तर भारतीयों पर गंदगी फैलाने और स्थानीय लोगों की नौकरी छिनने का आरोप लगाते रहे हैं. मनसे कार्यकर्ता पार्टी की स्थापाना के शुरुआती दिनों में उत्तर भारतीय के दुकानों और टैक्सियों में भी तोड़-फोड़ कर चुके हैं. माना जा रहा है कि अगर राज ठाकरे इस न्यौते को स्वीकार कर लेते हैं तो वे एक नये राजनीतिक समीकरण के संकेत देंगे. एमएनएस नेताओं का कहना है कि कार्यक्रम में शिरकत करने पर आखिरी निर्णय खुद राज ठाकरे ही लेंगे. हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि अगर वे इस कार्यक्रम में जाते हैं तो वे क्या बोलेंगे.
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