भाजपा ने प्रदेश के प्रत्येक गांव में 51 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए एक-एक वोट सहेजने की योजना बनाई है। यह अभियान 4 से 11 फरवरी तक चलेगा।
लोकसभा चुनाव में हर गांव से 51 फीसदी वोट हासिल करने के लिए भाजपा 4 से 11 फरवरी तक गांव चलो अभियान शुरू करेगी। पार्टी ने इसके लिए चौतरफा घेराबंदी की रणनीति तैयार की है। लखनऊ के विश्वैश्वरैया सभागार में आयोजित कार्यशाला में जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों और जिला संयोजकों को अभियान को सफल बनाने का रोडमैप दिया गया। अभियान के तहत पार्टी लोकसभा चुनाव की घोषणा तक 95 हजार गांवों में घर-घर संपर्क करेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश की मौजूदगी में अभियान के लिए बैठक आयोजित की गई। शिव प्रकाश ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रत्येक गांव से 51 प्रतिशत वोट हासिल करना है। गांव में जो भी व्यक्ति दस बीस वोट प्रभावित कर सकते हैं उन्हें पार्टी से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों से नाराज उनके जितने भी कार्यकर्ता, पूर्व जनप्रतिनिधि हैं उन्हें भी पार्टी में जोड़ना है। महिलाओं को जोड़ने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से लगातार संपर्क कर उन्हें पार्टी के कार्य में सक्रिय करने और स्वयं सेवी संस्थाओं का भी समर्थन हासिल करना है।
वहीं दुष्यंत गौतम ने कहा कि गांव की प्रत्येक जाति के व्यक्ति को पार्टी से जोड़ना है। 2019 की तुलना में 2024 में प्रत्येक बूथ पर दस प्रतिशत अधिक वोट हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम करना है। अभियान में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सभी जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी सहभागिता करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि भाजपा जिन संकल्पों को लेकर जनता के बीच पहुंची थी, उन संकल्पों को मोदी-योगी सरकार ने पूरा किया है। वहीं विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर भाजपा के खिलाफ तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में घर-घर दस्तक देकर मोदी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को पहुंचाना है। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने कहा कि अभियान के लिए 30 जनवरी को जिला स्तर और 1-2 फरवरी को मंडल स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
इस तरह होगी चौतरफा घेराबंदी
भाजपा गांव चलो अभियान के लिए प्रत्येक गांव में एक प्रवासी और एक संयोजक तैनात करेगी। जिस गांव में मतदाताओं की संख्या एक हजार से अधिक होगी वहां दो प्रवासी और दो संयोजक तैनात किए जाएंगे। प्रवासी दूसरे गांव या शहरी क्षेत्र से होंगे जबकि संयोजक उसी गांव से होंगे। प्रवासी को हर 15 दिन के अंतराल पर उस गांव में 24 घंटे का प्रवास करना है।
इस दौरान छोटी-छोटी चौपाल लगाकर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं पर बात करेंगे और उनके समाधान का प्रयास करेंगे। प्रवासी और संयोजक गांव में प्रत्येक मतदाता का आकलन करेंगे कि कौन पार्टी का और कौन विपक्षी दलों का समर्थक है। तीसरे मोर्चे पर पन्ना प्रमुख और चौथे मोर्चे पर बूथ अध्यक्ष के नेतृत्व में बूथ समिति के सदस्य भी प्रत्येक मतदाता से लोकसभा चुनाव तक संपर्क और समन्वय बनाएंगे।
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