प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा वाले उत्तर प्रदेश को 24 करोड़ जनाकांक्षाओं के अनुरूप सुरक्षित, समृद्ध और समुन्नत प्रदेश के रूप में वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने का हमारा व्रत आज चार वर्ष पूर्ण कर रहा है। ये चार वर्ष अपरिमित चुनौतियों, अनंत संभावनाओं और आपके सपनों को यथार्थ में परिवर्तित करने के लिए समर्पित रहे हैं।
19 मार्च, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमें ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ का पाथेय प्रदान किया था। आज जब प्रदेश सरकार चार वर्ष पूरे कर रही है, तो मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि है कि हम इसी लक्ष्य के अनुरूप अपनी नीतियों को क्रियान्वित करने में सफल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना से उपजे आर्थिक संकट से उबरने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना देखा है। वह देश को 50 खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का महान लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश इस लक्ष्य का संधान कर उनके स्वप्न को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।
जनसांख्यिकीय लाभांश की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक संभावनाओं वाला राज्य है। आवश्यकता थी, तो बस इन संभावनाओं को समन्वित नीतियों और साफ नीयत के माध्यम से क्रियान्वित करने की। बीते चार वर्षों में हमारी कोशिश यही रही है।
सरकार ने पूंजी निवेश की राह में आने वाली बाधाओं को चिह्नित किया और सिंगल विंडो प्रणाली के माध्यम से निवेश प्रक्रियाओं को सुगम बनाया। राज्य विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा और अंतिम पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक शासन की योजनाओं व अन्य लाभों को पहुंचाया। चार साल में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की राष्ट्रीय रैंकिंग में 12 पायदान ऊपर उठकर नंबर दो पर आना कोई सरल कार्य नहीं था, पर हमने यह कर दिखाया।
परिणामतः उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन की भूमिका में है। बुंदेलखंड में महिलाओं ने सतत प्रयास से दुग्ध उत्पादन में जिस प्रकार 46 करोड़ वार्षिक का टर्नओवर कर दो करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया है, वह प्रेरणास्पद है। कोरोना काल में ही स्कूली बच्चों की यूनीफार्म सिलने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कराया गया। 67 हजार समूह सदस्यों ने एक करोड़ 28 हजार स्कूल यूनीफार्म तैयार किए और उन्हें 100 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हुई। ऐसे अनेक नवाचारी प्रयास ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के स्वप्न को साकार करने की आधारशिला बन रहे हैं। कहा भी जाता है ‘उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि न मनोरथैः’।
विकास की राह पर आगे बढ़ता यह वही यूपी है, जहां महज चार साल में 40 लाख परिवारों को आवास मिला, एक करोड़ 38 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला, हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया तथा गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। आज हम सबके निरंतर प्रयास से अंतरराज्यीय संपर्क को सुदृढ़ किया गया है। पांच एक्सप्रेस-वे विकास को रफ्तार देने के लिए तैयार हो रहे हैं, तो देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। ध्यान रखिए, यह वही यूपी है, जहां वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपये थी, जो आज बढ़कर 94,495 रुपये हो गई है। 2015-16 में 10.90 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी वाला राज्य आज 21.73 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के साथ देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनकर उभरा है। यह है परिवर्तन।
जल-जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल योजना के तहत कार्य हो रहा है। बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और 30 हजार राजस्व ग्रामों में पाइप पेयजल की स्कीम लागू की जा रही है। हम आभारी हैं कि प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत गांवों के साथ शहरों को भी जोड़ने के लिए केंद्रीय बजट में अपेक्षानुकूल व्यवस्था की है। सरकार बिना भेदभाव के सभी को योजनाओं का लाभ सुलभ करा रही है। मुसहर, थारू, वनटांगिया गांवों में उत्थान का सूर्योदय हुआ है। जापानी इनसेफलाइटिस और एईएस की बीमारी समाप्तप्राय हो चली है। कोरोना की विभीषिका से हमें अनेक अनुभव प्राप्त हुए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए दूसरे प्रदेशों में गए छात्रों और उनके अभिभावकों की पीड़ा एक ऐसा ही अनुभव रहा। हमने पलायन की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ शुरू की।
प्रतिभा और ऊर्जा से संपन्न प्रदेश के नौजवानों की मेधा राज्य और राष्ट्र के विकास में उपयोगी सिद्ध हों, इस उद्देश्य से प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी की व्यवस्था सुलभ कराने वाले अभिनव मंच ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ की शुरुआत की गई है। मुझे आत्मिक संतुष्टि है कि इस योजना को प्रतियोगी छात्रों और अभिभावकों ने पूरे मन से स्वीकार किया है।
आज का दौर नौजवानों के ‘जॉब सीकर’ नहीं, वरन ‘जॉब जेनरेटर’ बनने का है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आरंभ की गई। इसके अंतर्गत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इन प्रयासों ने युवाओं को संबल प्रदान करने में अपनी उपयोगिता सिद्ध की हैं। चार वर्ष पूर्व किसान की कर्जमाफी से वर्तमान सरकार की लोककल्याण की यात्रा प्रारंभ हुई थी।
आज प्रदेश में किसान उन्नत तकनीक से जुड़कर कृषि विविधीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं। पिछले चार वर्षों में नए उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है। हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी इस बात को मानते हैं कि बीते चार वर्षों में एक भी ऐसी योजना नहीं शुरू हुई, जो जाति, धर्म, पंथ, मजहब के आधार पर विभेद करती हो। हां, हम तुष्टिकरण की नीति के अनुगामी नहीं हैं, यह स्पष्ट है। किसान, नौजवान, महिला और गरीब वर्तमान सरकार की नीतियों के केंद्र में है। सरकार की नीति और नीयत साफ है और यही वजह है कि जनता सरकार के साथ है। राज्य वही है, संसाधन वही हैं, काम करने वाले भी वही हैं, बदली है तो बस कार्य-संस्कृति। यही प्रतिबद्धतापूर्ण, समर्पित भावना वाली पारदर्शी कार्य-संस्कृति इस नए उत्तर प्रदेश की पहचान है।