उत्तराखंड में सीएसआर पोर्टल के जरिये फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। ये खेल लंबे समय से चल रहा है। फर्जी प्रमाणपत्र में लगाने के लिए सरकारी मोहरें तक फर्जी हैं। ऐसा मामला सामने आने पर नगर निगम एफआईआर कराने की तैयारी में है।
सीएसआर पोर्टल के जरिये फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। ये खेल लंबे समय से चल रहा है। फर्जी प्रमाणपत्र में लगाने के लिए सरकारी मोहरें आैर अधिकारी के हस्ताक्षर तक फर्जी हैं। ऐसा मामला सामने आने पर नगर निगम एफआईआर कराने की तैयारी में है।
पहले जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र सीएससी केंद्र से बनते थे। यहां से फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाए जाने आैर मामला पकड़ में आने पर केंद्र सरकार ने सीएससी केंद्रों से इसका काम छीन लिया। फिर सीएसआर पोर्टल के जरिये जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम सरकारी संस्थाओं को दे दिया गया। निगम क्षेत्र में यह काम निकायों को और ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक को काम दिया गया। उधर सरकारी अस्पतालों को भी इस पोर्टल की सुविधा दी गई। इधर, फर्जी काम करने वालों ने इसका तोड़ निकाल लिया।
अमर उजाला को सूचना मिली कि हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में नगर स्वास्थ्य अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। ये काम हल्द्वानी में किया जा रहा है। अमर उजाला की टीम ने पड़ताल की तो ये बात सही पाई गई। हद तो यह है कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके उसमें एम कांडपाल लिख दिया गया। तीन दिन पूर्व एक व्यक्ति ने अमर उजाला टीम को एक जन्म प्रमाण पत्र दिखाते हुए पूछा कि ये सही है या गलत। नगर स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताया। जांच में पता चला प्रमाण पत्र फर्जी है।
एक जन्म और एक मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। इन प्रमाण पत्र में मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं। निगम की मोहर भी फर्जी लगाई गई है। इस मामले में बुधवार को एफआईआर की जाएगी।
-डॉ. मनोज कांडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।