उत्तराखंड : रेल, बांध, आपदा और बिजली परियोजनाओं के लिए मोदी सरकार से आस

सरकार इन दोनों परियोजनाओं में आवश्यक प्रावधान चाहती है। साथ ही सरकार ने देहरादून-मसूरी रेल परियोजना का एक नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा है।

अगले पांच वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर को दोगुना करने के उद्देश्य से राज्य सरकार अपनी जिन ढांचागत विकास जुड़ी योजनाओं को जमीन पर उतारने की कोशिश कर रही है, उसमें वह मोदी सरकार उदार सहयोग चाहती है।

यही वजह है कि केंद्र सरकार के बजट से ऐन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम, गृहमंत्री से लेकर केंद्र के सभी प्रमुख मंत्रियों के दरवाजे पर दस्तक दी ताकि राज्य की प्रस्तावित योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से सहायता मिल सके। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है।

नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा
अब सरकार का फोकस टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजना पर है। इसलिए सरकार इन दोनों परियोजनाओं में आवश्यक प्रावधान चाहती है। साथ ही सरकार ने देहरादून-मसूरी रेल परियोजना का एक नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा है।

सरकार राज्य की दो महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से मदद चाहती है। दोनों परियोजनाओं पर फिलहाल सरकार ने अपने संसाधनों से काम शुरू कर दिया है। लेकिन परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता जरूरी है। पीएमजीएसवाई और जल जीवन मिशन के कार्य तय समय सीमा के अनुरूप नहीं बन पाए हैं।

ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही
सरकार चाहती है कि केंद्र इस योजना की समय-सीमा को बढ़ा दे। राज्य में औद्योगिक निवेश और आर्थिक गतिविधियों में हो रहे विस्तार के लिए ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पानी से बिजली बनाने की भरपूर क्षमता होने के बावजूद सरकार परियोजनाओं पर काम नहीं कर पा रही है।

25 हजार मेगावाट क्षमता के राज्य में केवल 4200 मेगावाट क्षमता की दोहन हो पाया है। इसलिए सरकार 4800 मेगावाट की उन 44 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर लगी रोक को हटाने के लिए भी केंद्र से गुहार लगा रही है। सीएम धामी इस बाबत पीएम से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध कर चुके हैं।

सरकार यह भी चाहती है कि एसडीआरएफ योजना की परिधि में हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन व वनाग्नि को भी शामिल किया जाए। प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्य में सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार चमोली, चंपावत या पिथौरागढ़ में से किसी एक जिले में क्रोनिक लैंड स्लाइड के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना करे।

इस महीने केंद्र सरकार का बजट पेश हो सकता है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह बजट अगले पांच साल के एजेंडे को ध्यान में रखकर लाया जा सकता है। इसमें कुछ नई योजनाएं भी हो सकती हैं। जिनका हमारे राज्य को फायदा होगा। -दिलीप जावलकर, सचिव वित्त

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