उत्तराखंड में भारी बारिश के कहर के कारण आशंका से रेड अलर्ट,

राजधानी में मंगलवार को रुक-रुककर दिनभर होती रही झमाझम बारिश ने दिल्ली की फिजा ही बदल दी। उमस से तो राहत मिली ही, बल्कि हल्की ठंडक का एहसास भी होने लगा। बारिश से न्यूनतम तापमान में चार डिग्री की गिरावट हुई। बुधवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक अभी मानसून ट्रफ दिल्ली के उत्तर से गुजर रहा है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी से नमी भरी पूर्वी हवा और अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवा चल रही है। इनके प्रभाव से भी अभी अगले दो तीन दिन और बारिश का दौर जारी रह सकता है।

इसके अलावा, मध्य प्रदेश, ओडिशा के कुछ भागों में भी तेज बारिश के आसार हैं। अगले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल, सिक्कम, असम. मेघालय. अरुणाचल प्रदेश और बिहार में मॉनसून ज्यादा असर दिखा सकता है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, गिलगित बालिस्तान, मुजफ्फराबाद, में हल्की और मध्यम बारिश हो सकती है। पिछले 24 घंटे में असम, सिक्कम, पश्चिम बंगाल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई। इस वजह से कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। असम और बिहार ज्यादा बाढ़ प्रभावित हैं। पंजाब के लुधियाना, अमृतसर, यूपी के मेरठ, गोरखपुर, भागलपुर और हिमालय के तराई इलाकों में मॉनसून ट्रफ बनी हुई है। इसके अलावा पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक तक ट्रफ रेखा बनी हुई है।

देहरादून समेत चार जिलों में भारी बारिश की आशंका 

उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन जनजीवन प्रभावित हो रहा है। प्रदेश में 60 से ज्यादा संपर्क मार्गो पर यातायात बाधित है। नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा चेतावनी निशान के पास है तो कुमाऊं में गोरी नदी चेतावनी निशान को पार कर चुकी है। शासन ने नदी किनारे की बस्तियों को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बुधवार के लिए पांच जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा देहरादून समेत चार जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।

सोमवार रात से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी है। हरिद्वार और रुड़की में भारी बारिश से सड़कों पर पानी भर गया, जिसमें वाहन फंस गए। इससे कई इलाकों में जाम लग गया। इसके अलावा शारदा मठ की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई तो सप्त सरोवर मार्ग स्थित सप्त ऋषि चौराहा से संगम पुरी तक करीब 500 मीटर सड़क धंस गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पीपलकोटी के पास 10 घंटे बाद यातायात सुचारु हो पाया। यहां लगातार दरकती पहाड़ी बीआरओ के लिए चुनौती बनी हुई है।

कोटद्वार के पास रपटे में बही कार, एक की मौत, दो लापता

मंगलवार को कोटद्वार(पौड़ी गढ़वाल) के निकट पौड़ी-कोटद्वार हाईवे पर बने रपटे पर एक कार बह गई। कार में सवार एक व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं। एसडीआरएफ की टीम दोनों की तलाश कर रही है। इस बीच पिथौरागढ़ के टांगा गांव में लापता ग्रामीणों की खोजबीन जारी रही। इस दौरान मलबे से पांच शव निकाल लिए गए हैं, जबकि छह का अभी कोई पता नहीं चल पा रहा है।

हिमाचल में लगातार बारिश से 100 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण 100 मार्ग यातायात के लिए बंद हैं। सबसे अधिक सड़कें मंडी जोन में 85, हमीरपुर जोन में आठ और शिमला जोन में सात सड़कें पूरी तरह बंद हैं। वहीं, रोहतांग के साथ लाहुल-स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हुई। बारालाचा, कुंजुम दर्रा, मकरवे, शिकरवे, सेवन सिस्टर पीक, मनाली पीक, लद्दाखी पीक, हनुमान टिब्बा, देउ टिब्बा, हामटा पास आदि में फाहे गिरे।

उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह, नौ की मौत

उत्तर बिहार के जिलों में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। नदियों में उफान से मंगलवार को सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। तेज हवा से अलग-अलग जगहों पर कई घर और पेड़ धाराशायी हो गए। वहीं बाढ़ के पानी में डूबने से नौ लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पूर्वी चंपारण के तीन, पश्चिमी चंपारण और समस्तीपुर के दो-दो एवं मधुबनी व शिवहर के एक-एक लोग शामिल हैं। बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर तथा मुख्यालय की सहमति से 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ की कुल 16 टीमों को 11 जिलों- पश्चिम चंपारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गोपालगंज, कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी तथा सारण जिलों में तैनात किया गया है।

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