उत्तराखंड में पंचायत चुनाव लड़ना महंगा हो गया, अब उम्मीदवारों के नामांकन पत्र के मूल्य और जमानत राशि में …

पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पंचायतीराज एक्ट में किए गए दो बच्चों के प्रावधान और शैक्षिक योग्यता के निर्धारण से पहले ही तमाम दावेदारों की नींद उड़ी हुई है और अब उम्मीदवारों के नामांकन पत्र के मूल्य और जमानत राशि में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। पिछले चुनाव के मुकाबले इनमें तीन गुना की वृद्धि की गई है। 

अलबत्ता, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों पर किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों के चुनाव व्यय की अधिकतम सीमा में दोगुना इजाफा किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। 

प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ शेष सभी जिलों में सितंबर-अक्टूबर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संभावित हैं। इसे देखते हुए सरकार और आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में आयोग ने नामांकन पत्रों के मूल्य, जमानत राशि और अधिकतम व्यय सीमा में बढ़ोतरी की है। 

इस बारे में दिशा-निर्देश राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट की ओर से संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को भेजे गए हैं। कहा गया है कि ये दरें तत्काल प्रभाव से प्रभावी होंगी। नामांकन पत्रों का मूल्य ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र का मूल्य 150 और आरक्षित (एससी-एसटी, ओबीसी व महिला) प्रत्याशियों के लिए 75 रुपये तय किया गया है। 

इसी प्रकार उपप्रधान के लिए 210 व 105, ग्राम प्रधान के लिए 300 व 150, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 300 व 150, जिला पंचायत सदस्य के लिए 450 व 225, कनिष्ठ व ज्येष्ठ उपप्रमुख के लिए 450 व 225, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के लिए 600 व 300, उपाध्यक्ष जिला पंचायत के लिए 750 व 375 और अध्यक्ष जिला पंचायत पद पर सामान्य उम्मीदवार के लिए 1500 और आरक्षित (एससी-एसटी, ओबीसी व महिला) प्रत्याशियों के लिए 750 रुपये की दर तय की गई है। 

 

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