उत्तराखंड में डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन सरकारी महकमे अभी तक भी सतर्क नहीं हुए हैं। हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों और नगर निगम के दफ्तरों में ही जगह-जगह पानी जमा हो रहा है।
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उत्तराखंड में डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन सरकारी महकमे अभी तक भी सतर्क नहीं हुए हैं। हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों और नगर निगम के दफ्तरों में ही जगह -जगह पानी जमा हो रहा है। जिससे लार्वा पनपने का खतरा पैदा हो गया है। सरकार पिछले कई महीनों से डेंगू से निपटने की तैयारियों का दावा कर रही है। लेकिन धरातल पर ऐसा दिखाई नहीं दे रहा।
देहरादून: देहरादून अस्पताल की महिला विंग में फव्वारे बंद है और उसके फाउंडेशन में पानी जमा है। दूसरी ओर नगर निगम परिसर में एक पुराना टायर पड़ा हुआ है। टायर के अंदर पानी जमा है। टायर में डेंगू का लार्वा पनपने की सबसे अधिक संभावनाएं होती हैं। नगर निगम परिसर की पार्किंग में भी पानी जमा है। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अनिवाश खन्ना का कहना है कि डेंगू से निपटने को सतर्क हैँ। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं।
ऋषिकेश: ऋषिकेश में डेंगू ने दस्तक दे दी है। डेंगू के दो संदिग्ध मामले सामने आने के बाद भी नगर निगम प्रशासन ने वार्डों में मच्छर के खात्मे को फॉगिंग अभी तक शुरू नहीं की है। हालांकि निकाय परिसर में जल जमाव नहीं है। लेकिन शहर में डेंगू को लेकर कम की सतर्कता दिख रही है। जमा पानी से सबसे अधिक डेंगू का खतरा रहता है। सफाई निरीक्षक धीरेंद्र सेमवाल ने बताया कि एक दो वार्डो में फॉगिंग करा दी गई है अन्य वार्डों में भी शुरू किया जा रहा है।
नैनीताल: नैनीताल जिले के हल्द्वानी के महिला अस्पताल में जहां पानी जमा है वहां पर ब्लीचिंग पावडर डाला जा रहा है। लेकिन एसटीएच और बेस अस्पताल में डेंगू को लेकर कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। नगर निगम की ओर से लगातार जमा पानी को हटाने के लिए अभियान चलाया हुआ है।सीएमओ डॉ भागीरथी जोशी का कहना है कि डेंगू को लेकर 15 दिन पहले ही अलर्ट जारी किया गया है।
बागेश्वर: बागेश्वर जिला अस्पताल के इमरजेंसी मार्ग व अस्पताल के पीछे के मार्ग पर लम्बे समय से पानी जमा है। इससे डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा बना हुआ है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि पालिका से परिसर में लीकेज नाले से रिसाव कर आ रहे गंदे पानी की समस्या को दूर करने के लिए नोटिस दिया गया है। पालिका के ईओ सतीश कुमार ने बताया कि प्रत्येक वार्ड में सफाई व्यवस्था की जा रही है।
यूएसनगर: ऊधमसिंह नगर जिले में निकाय परिसर में कंडम पड़े वाहनों में पानी भर जाता है। जिसमें लार्वा पनपने का खतरा बना रहा है। इससे कई बार मच्छरों का प्रकोप भी रहता है। निगम में छह माह पहले फॉगिंग कराई गई थी। इसके बाद अभी तक फॉगिंग नहीं हुई है। अभी तक फॉगिंग न होने से डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। रुद्रपुर अस्पताल के पीएमएस डॉ आरके सिन्हा का कहना है कि डेंगू से निपटने को व्यवस्था कर रहे हैं।
रुड़की: सिविल अस्पताल रुड़की के मुख्य भवन के पास जहां पीने के पानी की व्यवस्था है वहां पर दो जगह नालियों में साफ पानी जमा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लम्बे समय से पानी जमा होने के बावजूद उसकी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। विभाग के बाहर खुले में गमले भी हैं। अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल का कहना है कि अस्पताल में कहीं भी पानी एकत्र न होने देने के निर्देश दिए गए हैं
श्रीनगर: श्रीनगर में डेंगू की रोकथाम के लिए गली मोहल्लों में फॉगिंग नहीं हो रही है। इससे डेंगू का लार्वा और मच्छर पनपने का खतरा बना हुआ है। हालांकि बाजार क्षेत्र में फॉगिंग व एंटी लार्वा एवं एंटी मॉस्क्योटो दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। नगर निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक शशि पंवार का कहना है कि सभी जगहों पर फॉगिंग कराने व दवाओं का नियमित छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं।
हरिद्वार: मंगलवार को नगर निगम परिसर में रखे बहुत से गमलों में पानी जमा था। नगर निगम परिसर में बनाए गए फव्वारे में भी काफी पानी जमा देखा गया। वहीं, जिला अस्पताल में ही वार्ड के पीछे कूड़ेदान के ढक्कन में पानी जमा था। ब्लड बैंक की छत पर खुली पड़ी टंकी जिसमें नीचे छेद भी था, लेकिन उसके बाद भी इस टंकी में पानी जमा था। जो कि डेंगू के लार्वा पनपने के लिए काफी है।