कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया था. दो महीने से अधिक समय तक चले लॉकडाउन के दौरान उद्योग-व्यापार, यातायात के साधनों के पहिए ठप रहे. 1 जून से देश में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की शुरुआत हुई, लेकिन इसके साथ ही कोरोना वायरस भी अनलॉक हो गया.
कोरोना संक्रमितों की तेजी से बढ़ती तादाद को देखते हुए कई राज्यों में कड़ी पाबंदियों का दौर फिर से लौटने लगा है. उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की सरकार ने पहले से ही हर हफ्ते शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू कर दिया है. अब उत्तराखंड सरकार भी कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती तादाद पर लगाम लगाने के लिए इसी राह पर चलती नजर आ रही है.
उत्तराखंड सरकार ने भी दो दिन के लिए प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया है. शनिवार और रविवार को प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान बाजार और दफ्तर बंद रहेंगे. लॉकडाउन के दौरान केवल उन्हीं लोगों को आने की इजाजत होगी, होटलों में जिनकी पहले से बुकिंग है.
इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वीकेंड पर लॉकडाउन का प्रयोग कई जगह सफल रहा है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो कोरोना की चेन तोड़ने के लिए इसे आगे भी जारी रखा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान प्रदेश की सीमाएं भी सील रहेंगी.
केवल आवश्यक कार्य के लिए ही घर से निकलने की इजाजत दी जाएगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने 16 जुलाई के दिन मुख्य सचिव से शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने के लिए कहा था.
बता दें कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमितों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. उत्तराखंड में 17 जुलाई को कोरोना से संक्रमण के 120 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की तादाद 4100 के पार पहुंच चुकी है. हालांकि, राहत की बात यह है कि प्रदेश में लगभग 3000 संक्रमित उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. वहीं, 50 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है. बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की तादाद देश में 10 लाख के पार पहुंच चुकी है.