हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बगावती तेवर अपनाए भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी नेतृत्व ने सख्त कदम उठाया है।
जिला पंचायत सदस्य पदों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में उतरे 90 कार्यकर्ताओं को प्रांतीय नेतृत्व ने छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें मंडल, जिला स्तर के भाजपा, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, पंचायत प्रकोष्ठ, सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी और पूर्व पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं।
पंचायत चुनाव के लिए भाजपा द्वारा जिला पंचायत सदस्य पदों पर समर्थित प्रत्याशियों के नाम का एलान किए जाने के बाद वे कार्यकर्ता नाराज हो गए थे जो लंबे अर्से से पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। इन्होंने तमाम सीटों पर पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ ताल ठोकी है।
उन्होंने बताया कि जिन कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया गया है, उनमें नैनीताल के पूर्व ब्लाक प्रमुख लाखन नेगी, उत्तराखंड दुग्ध फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, पिथौरागढ़ के जिला मीडिया प्रभारी जगत मर्तोलिया, महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री कल्पना बोरा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी राजेश गुनसोला, टिहरी के ज्येष्ठ उपप्रमुख भोला परमार, चंपावत से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हेमेश कलखुड़िया, प्रदेश मंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा कमलेश कुमार मुख्य हैं।
अन्य कार्यकर्ताओं में मंडल, जिला स्तर के भाजपा, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, पंचायत प्रकोष्ठ, सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारी शामिल हैं।