प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के दौरान जौलीग्रांट एयरपोर्ट के राज्य अतिथि गृह में उनसे मिलने पहुंचे धराली गांव के आपदा प्रभावित ग्रामीण बेहद भावुक हो गए। 5 अगस्त की उस भयावह आपदा में सब कुछ खो चुके इन लोगों ने प्रधानमंत्री के सामने अपने दर्द को साझा किया।
पीएम से मिलने पहुंची कामेश्वरी देवी अपने जवान बेटे को खोने के दर्द से इस कदर टूट चुकी थीं कि कुछ कह भी नहीं पाईं। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और वह सिर्फ इतना कह सकीं कि इस आपदा ने हमसे सब कुछ छीन लिया। परिवार का रोजगार तो गया ही साथ ही मेरा बड़ा बेटा आकाश भी चला गया।
धराली से प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वालों में ग्राम प्रधान अजय नेगी, बीडीसी प्रतिनिधि सुशील पंवार, महिला मंगल दल अध्यक्ष सुनीता देवी, और कामेश्वरी देवी शामिल थे। इन सभी ने नम आंखों और भरी आवाज में 5 अगस्त की तबाही का मंजर बयां किया।
सब कुछ पल भर में जमींदोज हो गया
प्रधान अजय नेगी ने इस आपदा में अपने चचेरे भाई सहित कई साथियों को खो दिया, जबकि सुशील पंवार ने अपने छोटे भाई और उसके पूरे परिवार को खो दिया। महिला मंगल दल अध्यक्ष सुनीता देवी की तो जीवन भर की कमाई उनका घर, होमस्टे और बगीचे सब कुछ पल भर में जमींदोज हो गए। आपदा में लापता लोगों में सिर्फ कामेश्वरी देवी के बेटे आकाश का शव ही अब तक मिला है।
ग्राम प्रधान अजय नेगी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को गांव की हर तबाही की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने प्रधानमंत्री से धराली के पुनर्वास, लोगों को फिर से रोजगार देने और कृषि ऋण माफ करने की मांग की। प्रधान ने बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और रोजगार के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर आपदा प्रभावित को हर संभव मदद दी जाएगी। यह मुलाकात दर्शाती है कि इस आपदा ने न सिर्फ संपत्ति का नुकसान किया है, बल्कि लोगों के दिलों पर भी गहरा घाव छोड़ा है।
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