उत्तराखंड: प्रदेश में 31 अक्तूबर से शुरू होगा खेल महाकुंभ

खेल महाकुंभ में राष्ट्रीय खेलों का रिकार्ड तोड़ने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के रूप में एक लाख रुपये मिलेंगे। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) 31 अक्तूबर को हल्द्वानी के गोलापार स्टेडियम से खेलों की शुरुआत करेंगे।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा, राज्यभर में इसमें साढ़े चार लाख खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। न्याय पंचायत स्तर पर पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को पहली बार नकद धनराशि से पुरस्कृत किया जाएगा। खेल मंत्री ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से वार्ता में कहा, 96 विकासखंडों, 662 न्याय पंचायतों और सभी जिलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

सात करोड़ 62 लाख से अधिक के मिलेंगे पुरस्कार
खेल महाकुंभ में खिलाड़ियों को न्याय पंचायत स्तर पर तीन करोड़ 27 लाख से अधिक की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। ब्लॉक स्तर पर दो करोड़ 64 लाख से अधिक, जिला स्तर पर एक करोड़ 46 लाख व राज्य स्तर पर 23 लाख से अधिक की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। मंत्री रेखा के मुताबिक, विजेता प्रतिभागियों को सात करोड़ 62 लाख रुपये से अधिक के पुरस्कार दिए जाएंगे।
पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाई
खेल मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक, इस साल 31 अक्तूबर से 30 दिसंबर 2023 तक होने वाले खेल महाकुंभ में विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि बढ़ाई गई है। न्याय पंचायत स्तर पर पहले स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को 300 रुपये, दूसरे पर 200 और तीसरे स्थान पर रहने वाले को 150 रुपये दिए जाएंगे, जबकि ब्लॉक स्तर पर पहले स्थान पर तीन सौ रुपये से बढ़ाकर पांच सौ रुपये, दूसरे स्थान पर दो सौ रुपये से बढ़ाकर चार सौ रुपये और तीसरे स्थान पर 150 रुपये से बढ़ाकर तीन सौ रुपये की गई है।

जिला और राज्य स्तर पर भी पुरस्कार की राशि को बढ़ाया गया है। जिला स्तर पर पहले स्थान पर रहने वाले को 800, दूसरे स्थान पर 600 और तीसरे स्थान पर आने वाले को 400 की पुरस्कार राशि दी जाएगी। राज्य स्तर पर पहले स्थान वाले को 1500 रुपये, दूसरे पर 1000 रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले को 700 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

महाकुंभ में अमेरिका का राष्ट्रीय खेल बेसबॉल होगा
राज्य स्तर पर होने वाले खेल महाकुंभ में इस बार तीन नई स्पर्धाओं को शामिल किया गया है। इसमें पहाड़ के पारंपरिक खेल मुर्गा झपट, भारत के पारंपरिक खेल मलखंभ और अमेरिका के राष्ट्रीय खेल बेसबॉल पर भी खिलाड़ी हाथ आजमाएंगे।

खेल महाकुंभ की प्रतियोगिता से ही खिलाड़ियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तराशा जाएगा। इसी कारण खेल महाकुंभ में इस बार राज्य स्तर पर ओपन आयु वर्ग की प्रतियोगिताएं होंगी। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन राष्ट्रीय खेलों के पूर्वाभ्यास के रूप में किया जाएगा।

इसमें एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, फुटबाल, ताइक्वांडो, बॉस्केटबाल, वॉलीबाल, हॉकी, कुश्ती, निशानेबाजी, तीरंदाजी, भारोत्तोलन और बेसबॉल खेल को शामिल किया गया है। अंडर-17 बालक-बालिका की राज्य स्तर की स्पर्धा में पहाड़ का पारंपरिक खेल मुर्गा झपट, अंडर-19 आयु वर्ग में मलखंभ को शामिल किया गया है।

प्रदेश में अगली बार होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों के पूर्वाभ्यास के कारण खेल महाकुंभ में इस बार ओपन आयु वर्ग की प्रतियोगिताओं को रखा गया है। इसमें बेसबॉल समेत 14 खेल शामिल हैं। वहीं राज्य स्तर की स्पर्धा में मुर्गा झपट और मलखंभ को भी शामिल किया गया है। -जितेंद्र सोनकर, निदेशक, युवा कल्याण एवं खेल, उत्तराखंड।

न्याय पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक खेल महाकुंभ की प्रतियोगिताएं कराने के लिए निदेशालय से गाइडलाइन मिल गई है। खेल महाकुंभ की तैयारियों के लिए जल्द ही उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। -भूपेंद्र सिंह भंडारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, यूएस नगर।

कैसे खेला जाता है मुर्गा झपट
पहाड़ के पारंपिक खेल मुर्गा झपट में दो टीम के खिलाड़ी अपनी एक टांग हाथ से पकड़ते हैं तो दूसरा हाथ छाती पर रखते हैं। फिर एक-दूसरे को टक्कर मारते हैं। टक्कर मारने के बाद जिसका पांव जमीन को छू जाता है वह इसमें पराजित हो जाता है।

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