आपदा के बाद अब चमोली के लोग भूकंप की दहशत में हैं। रात्रि को यहां भुकंप के झटके महसूस किए गए। इससे लोग घरों से बाहर निकल गए। हालांकि कहीं से कोई नुकसान की सूचना नहीं है।

बरासत से ही चमोली जिले के लोग भूस्खलन और आपदा से बेहाल हैं। इस बार बारिश ने रोद्र रूप धारण किया और जिले में कई स्थानों पर कहर बरपा। संपर्क मार्ग भी ध्वस्त हो गए हैं। बारिश कम हुई तो अब लोग भूकंफ से फिर दहशत में आ गए।
गत आधी रात के बाद करीब दो बजकर 22 मिनट पर चमोली जिले के लोगों ने भूकंफ के झटके महसूस किए। लोग नींद से जाग उठे को घर से बाहर सुरक्षित स्थान की तरफ दौड़ लगा दी।
रात को आए इस भूकंप की तीवत्रा 3.6 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र चमोली था। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि भूकंप से कोई नुकसान की सूचना नहीं है।
चमोली जनपद भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। यह क्षेत्र जोन 5 में है। यहां 29 मार्च 1999 में भूकंप से भारी तबाही मची थी। तब 103 लोग मारे गए थे। उस दौरान यहां के भवनों को भारी नुकसान हुआ था।
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