केंद्र सरकार के मोटरयान (एमवी) एक्ट में जुर्माने की बढ़ी दरों में से कुछ में उत्तराखंड में वाहन चालकों को थोड़ी रियायत मिलने जा रही है। प्रदेश सरकार गुजरात की तर्ज पर एमवी एक्ट में जुर्माने के प्रावधानों में ढील देगी।

वाहनों के अनधिकृत, बगैर लाइसेंस के इस्तेमाल, प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र न होने, बड़े आकार के वाहनों पर तय किए गए जुर्माने की राशि कम की जा सकती है। इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की तैयारी है। प्रदेश में संशोधित एमवी एक्ट लागू हो चुका है। इसमें जुर्माने की दरों में कई गुना बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा यातायात के उल्लंघन को लेकर कई नई धाराएं भी शामिल की गई हैं।
विभागीय स्तर पर ही जुर्माना वसूली की दरें तय करने का अधिकार राज्य को है और केंद्र की दरों का मामला सीधे कोर्ट में जाने पर ही प्रभावी होता है। इस बार कुछ धाराएं ऐसी भी हैं जिन पर विभाग अपने स्तर से कोई जुर्माना तय नहीं कर सकता। शेष पर विभागीय स्तर से जुर्माने की दरें तय की जानी हैं, जिस पर विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
विभाग ने एक्ट के तहत विभिन्न मामलों में जुर्माने की राशि केंद्रीय एक्ट की तर्ज पर रखी है, लेकिन कई मामलों में इसमें बड़ी छूट का प्रावधान भी प्रस्तावित किया गया है। संपर्क करने पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार आम जनता की समस्या का पूरा ख्याल रख रही है।
कैबिनेट बैठक में केंद्रीय एमवी एक्ट में तय जुर्माने की कुछ दरों में संशोधन पर चर्चा हो सकती है। दरों को प्रदेश में कम करने पर सबके सुझाव लिए जाएंगे। इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट लेगी।

कैबिनेट में इन विषयों पर भी होगी चर्चा
कैबिनेट की बैठक सचिवालय में अपराह्न चार बजे से होगी। बैठक में जल नीति, आवास विभाग, आबकारी, मिड डे मील के तहत छात्रों को फ्लेवर्ड मिल्क समेत विभिन्न मसलों पर चर्चा होगी।
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