उत्तराखंड: एनएचएम कर्मचारियों को मिलेगा पितृत्व और बाल्य देखभाल अवकाश!

एनएचएम में तैनात कर्मचारियों को अवकाश लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेशभर में विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी दूर करने के लिए यू कोड वी पे योजना का चौथा चरण शुरू किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में तैनात साढ़े पांच हजार कर्मचारियों को भी पितृत्व और बाल्य देखभाल अवकाश का लाभ मिलेगा। शुक्रवार को सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की कार्यकारिणी बैठक में कर्मचारियों को शासन की नियमावली के अनुसार अवकाश देने का फैसला लिया गया।

प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को पितृत्व, बाल्य देखभाल और बाल दत्तक अवकाश का लाभ दिया है। इसी तर्ज पर एनएचएम में तैनात कर्मचारियों को अवकाश लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेशभर में विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी दूर करने के लिए यू कोड वी पे योजना का चौथा चरण शुरू किया जाएगा। अब तक योजना के तहत प्रदेश में संविदा पर 57 विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति की गई।

इसमें सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक, एनेस्थेटिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशन, मनोचिकित्सक शामिल हैं। इनको पर्वतीय क्षेत्रों में खाली पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई। बैठक में एनएचएम मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा, प्रभारी अधिकारी डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. राजन अरोड़ा, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. फरीदुजफर, डॉ. मुकेश रॉय, महेंद्र मौर्य, कविता कौशल मौजूद थे।

दून, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को पैथोलॉजी जांच की निगरानी का जिम्मा

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी अस्पतालों में चंदन पैथोलॉजी के माध्यम से की जा रही 270 निशुल्क जांच की निगरानी अब राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और हल्द्वानी करेंगे। ये मेडिकल कॉलेज निशुल्क पैथोलॉजी जांच की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी के रूप में जांच करेंगे। दून मेडिकल कॉलेज को गढ़वाल क्लस्टर और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को कुमाऊं का क्लस्टर बनाया गया।

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