ईरान ने आखिर मान लिया है कि उसने 2015 में हुए परमाणु करार का उल्लंघन कर तय सीमा से ज्यादा संवर्धित यूरेनियम का भंडारण किया है। ईरान ने दुनिया के छह शक्तिशाली देशों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ करार किया था। लेकिन गत वर्ष मई में इस करार से अमेरिका हट गया था और ईरान पर सख्त प्रतिबंध थोप दिए थे। अमेरिका ने आशंका जताई है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने में जुटा है।
ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ ने सोमवार को कहा कि उनके देश ने संवर्धित यूरेनियम के भंडारण की सीमा का उल्लंघन करते हुए 300 किलोग्राम से ज्यादा यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (यूएफ6) का भंडारण किया है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब करार पर हस्ताक्षर करने वाले बाकी यूरोपीय देशों ने ईरान से अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद परमाणु करार के साथ बने रहने की अपील की है। जरीफ के बयान पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ने कहा है कि उसके जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि क्या ईरान ने वाकई अनुमति से ज्यादा संवर्धित यूरेनियम का भंडारण किया है? वे इस बारे में जल्द ही अपनी रिपोर्ट एसेंजी को सौंप देंगे।
आइएईए ने गत बुधवार को यह कहा था कि ईरान के पास मोटे तौर पर 200 किलोग्राम निम्न स्तर पर संवर्धित यूरेनियम है। यह परमाणु समझौते के तहत तय सीमा 202.8 किलोग्राम से कुछ कम है।
यूरोपीय देशों के प्रस्ताव से खुश नहीं ईरान- परमाणु करार को बनाए रखने को लेकर वियना में गत शुक्रवार को हुई बातचीत के बाद ईरान ने कहा कि यूरेनियम संवर्धन की सीमा का उल्लंघन नहीं करने को लेकर यूरोपीय देशों का प्रस्ताव बेहद मामूली है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे प्रयास तेज करें क्योंकि समझौते को बनाए रखने के लिए समय तेजी से निकलता जा रहा है।