ईडब्ल्यूएस की ओर से अभ्यर्थियों को मिलेगी राज्य वन सेवा में न्यूतन अंकों में छूट..

ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को राज्य सेवा और राज्य वन सेवा में न्यूतन अंकों में छूट मिलती रहेगी। 27 अक्टूबर को मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) ने एक विज्ञप्ति जारी की थी। विज्ञप्ति के आधार पर अभ्यर्थियों में भ्रम फैल गया था कि राज्य सेवा और वन सेवा में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत 10 प्रतिशत छूट को लागू नहीं किया गया है। पीएससी ने इस पर स्थिति साफ कर दी है। दरअसल विज्ञप्ति के पहले वाक्य के आधार पर कुछ अभ्यर्थियों ने इसकी व्याख्या कर दी थी और इंटरनेट मीडिया पर आरक्षण नीति के उल्लंघन का आरोप भी लगाना शुरू कर दिया था।

मप्र लोक सेवा आयोग ने 27 अक्टूबर को विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें पहली लाइन लिखी गई थी कि आयोग द्वारा राज्य सेवा और राज्य वन सेवा परीक्षा के अतिरिक्त अन्य पदों जैसे दंत शल्य चिकित्सक, सहायक पशु चिकित्सा शल्यज्ञ, राज्य अभियांत्रिकी सेवा की भर्ती हेतु आयोजित परीक्षाओं में ईडब्ल्यूएस वर्ग को न्यूनतम अंकों में 10 प्रतिशत की छूट का उल्लेख करते हुए जानकारी दी गई थी। इसमें लिखा गया था कि इस वर्ग को न्यूनतम अंकों में 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। अनारक्षित वर्ग को जहां प्रश्नपत्रों के प्रत्येक खंड में 40 प्रतिशत अंक हासिल करना जरुरी है। वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को जिसमें ईडब्ल्यूएस भी शामिल है। पास होने के लिए प्रत्येक खंड में 30 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा।

इसलिए फैली भ्रांति

अभ्यर्थियों ने इस विज्ञप्ति की पहली लाइन में लिखे राज्य सेवा और वन सेवा के अतिरिक्त शब्द के आधार पर अफवाह फैला दी कि पीएससी ने इन दो परीक्षाओं में ईडब्ल्यूएस का आरक्षण लागू नहीं किया है। यानी इन परीक्षाओं में 10 प्रतिशत अंक की छूट नहीं दी जा रही है। पीएससी के ओएसडी डा. रविंद्र पंचभाई के अनुसार ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल शासन के नियम अनुसार ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण का लाभ सभी भर्ती प्रक्रियाओं में दिया जा रहा है। दरअसल राज्य सेवा और वनसेवा की परीक्षाओं की प्रश्न पत्र योजना अलग होती है। ताजा विज्ञप्ति जिन परीक्षाओं के लिए जारी की गई उसमें अलग-अलग खंड होते हैं। आयोग ने साफ किया है कि एक प्रश्न पत्र के अलग-अलग खंड में भी किसी भी अभ्यर्थी को न्यूनतम अंक पाना अनिवार्य है। तभी उसका चयन हो सकेगा। जबकि राज्य सेवा और वन सेवा में प्रश्नपत्र में खंडों का प्रविधान नहीं है।

ऐसे में उन दो परीक्षाओं का उल्लेख इसमें नहीं है। ताजा विज्ञप्ति का उद्देश्य दंत शल्य चिकित्सा, सहायक पशु चिकित्सा, राज्य अभियांत्रिकी सेवा आदि परीक्षाओं में मार्किंग स्कीम को लेकर असमंजस की स्थिति पर बना भ्रम दूर करना था। दरअसल पीएससी को कई अभ्यर्थियों के आवेदन मिले कि कटआफ से अधिक अंक होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया है। ऐसे में उन अभ्यर्थियों को स्पष्ट किया गया कि वे भले ही कुल अंक ज्यादा लाए हो लेकिन प्रश्न पत्र के अलग-अलग खंडों में न्यूनतम अंक की अर्हता पूरी नहीं कर सके, इसलिए वे चयन सूची से बाहर रह गए।

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