इस सरकारी अस्पताल में मरने वालों को नहीं मिल रहा कफन

NEW DELHI: Government hospital में भले ही मरीजों को Free में दवाइयां मिलती हैं, लेकिन मरने वालों को यहां दो गज कफन नसीब नहीं हो रहा। यह हाल किसी छोटे अस्पताल का मामला नहीं है। बल्कि Delhi के बड़े सरकारी अस्पताल DDU का है।

9h1सरकारी नियमों के अनुसार अस्पताल की मोर्चरी में जिस शव का पोस्टमार्टम किया जाता है उनके कफन का इंतजाम करना अस्पताल प्रशासन का काम है। इसके एवज में मृतक के परिजनों से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

मोर्चरी के बाहर लगे इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड में इस बाबत सूचना भी दर्शाई जाती है कि मोर्चरी में कफन का कपड़ा, शव रखने वाला बैग इत्यादि चीजों की व्यवस्था मुफ्त में की जाती है, लेकिन यह सूचना दिखावा भर है।
मजबूरी में कफन का इंतजाम शव लेकर आए लोगों को करना पड़ता है। सूत्रों की मानें तो अक्टूबर से ही मोर्चरी में कफन नहीं है। मृतक के परिजन ही कफन के कपड़े का इंतजाम करते हैं, वहीं लावारिस शव के मामले में कफन का इंतजाम पुलिस की ओर से किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोजाना पांच से छह शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। कई बार यह संख्या बढ़कर 12 तक पहुंच जाती है। इस लिहाज से यदि देखा जाए तो प्रतिदिन अधिक से अधिक 50 मीटर कपड़े की जरूरत होगी, लेकिन इतना कपड़ा भी अस्पताल शव के लिए उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
डॉक्टर्स का कहना है कि कई बार यहां निडिल (सुई) जैसी मूलभूत जरूरत की चीज भी उपलब्ध नहीं होती। पोस्टमार्टम के समय जिस गुणवत्ता के मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए उस वह यहां लंबे समय से उपलब्ध नहीं है। साधारण मास्क से यहां काम चलाया जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि मोर्चरी में काम के दौरान संक्रमण की संभावना अन्य जगहों की तुलना में सर्वाधिक होती है। ऐसे में मास्क हो या दस्ताने सभी की गुणवत्ता उच्च मानक के अनुरूप होनी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
डॉक्टर्स का कहना है कि इसकी वजह जरूरी वस्तुओं की खरीद प्रक्रिया में आया बदलाव है। नई प्रक्रिया के तहत अब छोटी से छोटी जरूरी चीजों के लिए Hospital पहले यह पता करेगा कि जरूरी चीजें अन्य अस्पताल में उपलब्ध हैं या नहीं।
यदि यहां ये चीजें अतिरिक्त मात्र में उपलब्ध हैं तो आपको चीजें वहां से मिल जाएंगी, अन्यथा केंद्रीय खरीद एजेंसी (CPA) के माध्यम से खरीद होगी। इस पूरी प्रक्रिया में काफी Time लगता है। कई बार दूसरे अस्पताल बार बार पूछे जाने के बावजूद उत्तर नही देते।
वहीं DDU के निदेशक डॉ.एके मेहता यह मामला मेरे संज्ञान में है। कफन के इंतजाम के लिए Tender की प्रक्रिया शुरूर दी गई है। जल्द यह उपलब्ध होगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com