आजतक आपके कई तरह के रीती रिवाजों के बारे में सुना होगा। ऐसे ही आज हम अजीब रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे। आमतौर पर किसी पर अंडे फेंकना विरोध का या अपमानित करने का प्रतीक माना जाता है। लेकिन फिरोजाबाद में एक ऐसा गांव हैं जहां के एक मंदिर में महिलाएं चढ़ावे के तौर पर अंडे फेंकती हैं।
क्यों फेंके जाते है अंडे- इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा, ‘यहां तक कि जिन दंपतियों के बच्चे नहीं है वे भी मंदिर की दीवार पर अंडे फेंकते हैं। हर साल वैशाख के महीने में तीन दिनों के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं आकर बाबा को अंडे चढ़ाती हैं।’ एक महिला इस बारे में ये कहती हैं कि ‘आप इसे अंधविश्वास कहें या कुछ और लेकिन मुझे केवल एक स्वस्थ बच्चा चाहिए। इसीलिए मैं मंदिर में अंडे चढ़ाना चाहती हूं।
अंडे फेंकर मांगती है मन्नत- हर साल बैसाख महीने में बिलहना गांव में तीन दिन का एक मेला लगता है। अपने बेटों की लंबी उम्र की दुआएं मांगती हैं। यह मंदिर है बाबा नागर सेन का जहां पर महिलाएं अंडे फेंकती हैं। इसी गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि ‘कई पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है। किसी को निश्चित रूप से नहीं पता कि बाबा नागर सेन मंदिर में अंडे फेंकने की प्रथा कब शुरू हुई। लोगों में ऐसा विश्वास है कि ऐसा करने से अंडे के अंदर जो जीव होता है उसकी उम्र भी उनके लड़के की उम्र में जुड़ जाती है। इसलिए आप जितने अंडे चढ़ाएंगे बेटे की उतनी ही उम्र बढ़ जाएगी।’