सुहागिनों का त्योहार करवा चौथ कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंडितों के अनुसार कई साल बाद इस बार करवा चौथ पर भद्र, हंस एवं शश योग के साथ शुभ महासंयोग बन रहा है। जैसा कि यह प्रतीक है प्यार और सौभाग्य का, उसी के अनुसार इस पर्व पर प्रेम का बेहद शुभ योग बन रहा है। यह अद्भुत संयोग करवा चौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सुहाग का वरदान मिलता है। इसके अलावा व्रत रखने के शुभ फल प्राप्त होंगे। ऐसे में यह करवाचौथ सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष फलदायी बनने वाला है।
मां चामुंडा दरबार के पुजारी रामजीवन दुबे एवं ने बताया इस बार करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं। जिन्हें कई विद्वान बिना देखे ही शुक्रास्त के चक्कर में नजर अंदाज किए जा रहे हैं। इस दिन रोहिणी तथा कृतिका नक्षत्र के अलावा भद्र, हंस एवं शश महासंयोग भी बन रहा है।
पूजन शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शाम 6:01 मिनट से 8:37 बजे तक रहेगा। वहीं चन्द्रोदय रात्रि रोहिणी नक्षत्र में 7:35 से 8:50 बजे के बीच होगा।
चन्द्रमा अमृतकारक ग्रहगुरु
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि चन्द्रमा को अमृतकारक ग्रह बताया गया है। अत: ऐसी मान्यता है कि इस काल में चंद्रमा का विधि-विधान पूर्वक पूजन करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जहां विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करेंगी, वहीं कुंवारी कन्याएं उत्तम पति की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करेंगी।
बाजारों में होने लगी भीड़
करवा चौथ व्रत की महिलाओं ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके न्यू मार्केट, पुराने भोपाल चौक आदि बाजारों में खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी है। महिलाएं चूड़ी, मेहंदी व साड़ी सहित सुहाग की समाग्रीय की खरीदारी करती नजर आ रही है।