Amazon और Flipkart की अपकमिंग 29 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक चलने वाली फेस्टिव सीजन सेल में $4.8 बिलियन की सेल्स जनरेट करने की उम्मीद है। Forrester की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल हुई ग्रोथ से इस बार बेहतर होने का अनुमान है। फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स साइट्स पर आने वाली 80 प्रतिशत सेल्स अधिकतर 29 सितम्बर से 4 अक्टूबर के बीच ही होगी।
इस समय पर Amazon और Flipkart समेत Xiaomi और कई छोटी-बड़ी सेल भी चलेगी। फेस्टिव सीजन सेल के दौरान ऑनलाइन रिटेल साल-दर-साल बढ़ रहा है। 2018 में 32 प्रतिशत से यह साल 2019 में 93 प्रतिशत हो जाएगा। Forrestor की रिपोर्ट एक अनुसार, 2017 में पांच दिन चलें वाली सेल के समय $1.5 बिलियन की सेल्स 2018 में बढ़कर $2.9 बिलियन हो गई थी और इस साल यानी की साल 2019 में इसके $3.8 बिलियन होने की सम्भावना है।
ऑनलाइन सेल और भारतीय यूजर्स में ऑनलाइन समान खरीदने के ट्रेंड के साथ-साथ जहां ऑनलाइन रिटेल के लिए नए दरवाजे खुल रहे हैं, वहीं इसके साथ-साथ एक और चीज की एंट्री हो रही है, वह है-ऑनलाइन फ्रॉड। भारत जहां डिजिटली काफी तेजी से बढ़ा है। वहीं, ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी देश में उतने ही तेजी से बढे हैं।
हो सकता है आप भी बाकी सभी की तरह इस दिवाली-नवरात्रि-भैयादूज जैसे त्योहार पर ऐसी ही किसी ई-कॉमर्स साईट की कार्ट में अपने पसंद के प्रोडक्ट्स एड कर के बैठे हो। अब इंतजार है, तो बस सेल चालू होने का…लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग करते समय कुछ बातें हैं, जिनका ध्यान रखने से आप फ्रॉड से बच सकते हैं।
ऐसा सोचना बिलकुल गलत होगा की हम ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार नहीं हो सकते। इस तरह के मामलों में कोई भी फंस सकता है या किसी से भी गलती हो सकती है। इसलिए आप अपने प्रोडक्ट्स की लिस्ट के साथ-साथ कुछ टिप्स को भी फॉलो कर लें ताकि आप किसी तरह के फ्रॉड का शिकार ना हो।
ऑनलाइन शॉपिंग: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय वेबसाइट से लेकर सेलर तक की जानकारी सही से लें। ऑनलाइन शॉपिंग करना आसान और आरमदेय तो है, लेकिन कभी-कभी ध्यान ना देने पर, यह काफी महंगा भी पड़ जाता है।
प्रोडक्ट आर्डर करने से पहले प्रोसेस जान लें: ऑनलाइन आर्डर करने के बाद काई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों को कुछ और ही डिलीवर हुआ है। 2015 में गाजियाबाद के संतोष कुशवाहा ने आर्डर तो किया था iPhone 6, उन्होंने प्रोडक्ट भी ले लिए क्योंकि उसकी पैकेजिंग से लेकर वजन तक सब सही लग रहा था। पैकेट खोलने के बाद पता चला की उसमे ईट भरी हुई हैं।
यह परेशानी किसी के साथ भी आ सकती है। FabIndia जैसी कई साइट्स हैं , जो अपने प्रोडक्ट्स खुद डिलीवर करती हैं। वहीं, मार्केटप्लेस जैसे- Flipkart, Amazon या Snapdeal पर अलग-अलग ब्रांड्स और सेलर्स होते हैं। इसलिए प्रोडक्ट आर्डर करने से पहले रिटर्न का पूरा प्रोसेस जान लें।
फेक वेबसाइट: फ्रॉड स्कैमस्टर्स की खासियत ही यह है की वो असली वेबसाइट से एकदम मिलती हुई साईट आपके सामने ला देंगे। इसलिए साईट का सही URL जरूर चेक करें।
साईट सही, सेलर फेक: यह परेशनी कई बड़ी साइट्स पर भी आती है। हम आपको यही राय देंगे की डिस्काउंट और ऑफर्स के चक्कर में जल्दी में आर्डर ना कर के पहले सेलर की रेटिंग और रिव्यू पर जरूर नजर डाल लें। अगर कुछ भी गड़बड़ होगी, तो ऑनलाइन आपको कहीं-ना-कहीं फ्रॉड या फेक जैसे कीवर्ड्स मिल जाएंगे। आपका आर्डर किस सेलर का जरिये आ रहा है, यह जानना बेहद जरूरी है।
एक सर्वे के अनुसार, एक तिहाई ई-कॉमर्स खरीदारों को फेक प्रोडक्ट्स मिलते हैं। इससे बचने के लिए उपभोक्ताओं को खुद टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन करना होगा। पहला, प्रोडक्ट्स खरीदते समय उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की जानकारी, जैसे की- सेलर, वेबसाइट लेआउट, वेबसाइट पर सिक्योर ट्रस्ट मार्क, रिटर्न पॉलिसी, रिफंड, सिक्योर पेमेंट गेटवे आदि की जांच कर लेनी चाहिए।
दूसरे स्टेप में, प्रोडक्ट को रेसिव करते समय ऑथेंटिकेट करना जरूरी है। सही प्रोडक्ट की जांच के लिए हमेशा ब्रांड के किसी ऐसे मैसेज को देखें, जो हमेशा दिया जाता है। कई ब्रांड्स अपनी पैकेजिंग पर ऑथेंटिकेशन सोल्यूशंस का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे ध्यान से पढ़ लें। अगर ऑथेंटिकेशन सोल्यूशंस नहीं है, तो ध्यान से देखें आपके पैकेज की सील कहीं से खुली ना हो।