आग्नेय दिशा दोष में लाल रंग का एक बल्ब या एक दीपक इस प्रकार से जलाये की वह लगभग एक प्रहर यानी तीन घंटे तक जलता रहे। इसके लिए गणेश जी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।

इस दोष निवारण के लिए आग्नेय दिशा में मनीप्लांट लगानी चाहिए। इस दिशा में सूरजमुखी फूल, पालक, तुलसी, गाजर, अदरक, हरी मिर्च, मेथी, हल्दी, पुदीना और करी पत्ता भी लगाया जा सकता है। पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार इस दिशा का दोष करने लिए रेशमी परिधान, वस्त्र, सौंदर्य की वस्तुएं घर की स्त्रियों को देकर प्रसन्न रखें।
इस दिशा में शुक्र यंत्र लगाना चाहिए। इसी तरह दक्षिण दिशा दोष निवारण के लिए घर का भारी से भारी सामान इस दिशा में रखनी चाहिए। साथ में मंगल ग्रह के मंत्रों का दान करना चाहिए। दक्षिण दिशा की दिवार पर लाल रंग का हनुमान जी का चित्र लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा दिवार पर मंगल यंत्र की स्थापना की जानी चाहिए।
यदि इस क्षेत्र में खाली जगह हो तो गले रखने चाहिए। पं.शिवकुमार के अनुसार नेत्रत्य दिशा का दोष खत्म करने के लिए भारी मूर्तियां रखनी चाहिए। साथ ही वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। नेत्रत्य दिशा में राहु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। चांदी, सोने,या तांबे के सिक्के या नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करके इन्हें नेत्रत्य कोण की दिशा में दबा दें। साथ ही राहु यंत्र की स्थापना इस दिशा में करनी चाहिए।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal