चाँद धरती से देखने पर वो काफी खूबसूरत दिखाई देता है और हम भी कभी उसकी खूबसूरती में खो जाते हैं। लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि चाँद को श्राप मिला था और उसे भी दोष लगा था। जिस चाँद को लोग सुन्दर मानते हैं उसे दोषयुक्त भी माना गया है। साल में एक दिन ऐसा भी आता है जिस दिन चंद्र के दर्शन करने से आपको भी दोष लग सकता है।
क्या है मान्यता:
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की रात को चन्द्र-दर्शन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि अगर कोई भूल से भी इस दिन चन्द्रमा देख ले तो उसे झूठा-कलंक झेलना पड़ता है।
इसीलिए इस दिन चन्द्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए लेकिन उनकी ओर देखना नहीं चाहिए। इसके पीछे कथा कुछ ऐसी है कि भगवान श्रीगणेश ने चन्द्रमा को श्राप दिया था।
# चन्द्रमा ने गणेशजी का मज़ाक उदय था जिसके बाद चाँद को ये श्राप मिला कि जो भी उसे देखेगा उसे अपमान सहना पड़ेगा। लेकिन इस पर चन्द्रमा ने माफ़ी मांगी और गणेश जी कहा एक ही दिन सी श्राप का प्रभाव रहेगा।
इस दिन अगर आप भूलकर चन्द्रमा देख लेते हैं तो आप एक मंत्र का जाप कर लेना चाहिए जिससे इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी। ये है मंत्र:
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥