ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के अनुसार, क्रिकेट जगत के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक डॉन ब्रैडमैन ने अपने करियर का आखिरी मैच 14 अगस्त 1948 में ओवल में खेला था। ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड आई थी। पांचवां और आखिरी मैच ओवल मैदान पर खेला गया। इस मैच से पहले ब्रैडमैन को 100 के टेस्ट औसत तक पहुंचने में मात्र 4 रन की जरूरत थी। कंगारू टीम दूसरी पारी में बैटिंग करने आई। सभी की निगाहें ब्रैडमैन पर टिकी थीं। 117 रन पर एक विकेट गिरने के बाद ब्रैडमैन क्रीज पर आए, इधर यह दिग्गज बल्लेबाज स्ट्राइक पर था उधर गेंद इंग्लिश गेंदबाज एरिक होलीस के हाथों में थी। एरिक को टेस्ट खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं था, मगर उन्होंने पहले ओवर की दो गेंदों के अंदर ही ब्रैडमैन को पवेलियन भेज दिया। एरिक की दूसरी गेंद गुगली थी जिसे ब्रैडमैन भी नहीं पढ़ पाए और बोल्ड हो गए और उनका टेस्ट औसत 99.94 ही रह गया।
पहले मैच में ही ठोके 236 रन
क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज ब्रैडमैन ने अपने पहले मैच में कमाल कर दिया था। साल 1930 की बात है, उस समय डॉन ब्रेडमैन की उम्र 21 साल थी। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट की बादशाहत को लेकर जंग छिड़ी थी। तब ऑस्ट्रेलिया को एक नौजवान होनहार खिलाड़ी मिला डॉन ब्रेडमैन। ऑस्ट्रेलियाई टीम अप्रैल-मई में एक सीरीज खेलने इंग्लैंड गई हुई थी। ब्रेडमैन अपने करियर का पहला फर्स्ट क्लॉस मैच खेलने लॉर्ड्स मैदान पर उतरे। सामने थी वॉर्केस्टशॉयर की टीम….ब्रेडमैन ने काफी सूझबूझ से इंग्लिश गेंदबाजों का सामना किया। अपने पहले ही मैच में ब्रेडमैन ने 236 रनों की पारी खेलकर इतिहास बना दिया। इसके बाद ब्रेडमैन का बल्ला नहीं रुका और उन्होंने अंतरर्राष्ट्रीय करियर में रनों का अंबार लगा दिया।