LIVE INDIA: दाल के सेवन से सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती है लेकिन जरा सोचिए अगर हम कहें कि सेहत के लिए जरूरी दाल आपकी सेहत बिगाड़ दें तो?अभी-अभी: 6 विधायकों के इस्तीफा देने पर कांग्रेस में मचा हाहाकार, हुआ ये बड़ा ऐलान…
अगर हम कहें कि ये दाल आपकी हड्डियां मजबूत नहीं बल्कि कमजोर कर सकती है तो? यकीनन आप यकीन नहीं करेंगे क्यूंकि इस दाल का सेवन आप रोज करते हैं लेकिन मिलावटी तौर पर।
दरअसल, खेसारी नाम का ये खतरनाक दाल दिखने में बिल्कुल अरहर दाल की तरह है। जिसका फायदा कुछ व्यापारी मिलकर उठा रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो अधिक मुनाफा कमाने के लिए अरहर दाल में इस दाल की मिलावट कर रहे हैं जो सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। बता दें कि मिलावट की वजह से ये दाल प्रोटीन का स्त्रोत नहीं बल्कि जहर का स्त्रोत बनते जा रहा है।
जब दाल में मिलावट की जाती है तो ये बहुत ही घआतक रुप ले लेती है जो कई सारी बीमारियों को न्यौता देती है। इन बीमारियों में से परालायसिस बहुत ही सामान्य बीमारी मानी जाती है। ऐसा सिर्फ अरहर दाल में खोसरी दाल मिलाने के कारण ही होता है।
आमतौर पर कुछ व्यापारी दाल में कंकड़,पत्थर,डंठल जैसी चीजों का मिलावट करते आ रहे थे लेकिन लोगों की नजरों में ये चीजों आसानी से पकड़ में आ जाती थी। लेकिन अब अरहर दाल में एकदम लो क्वालिटी की दाल की मिलावट शुरु हो गई है। जो शरीर के निचले हिस्से को अपंग तक बना देती है।
1961 में सरकार ने लगाई थी पाबंदी दरअसल, खेसारी दाल नामक इस सस्ती दाल को पशुओं के भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन उनकी बिगड़ती सेहत को देखकर इसपर सरकार ने 1961 में रोक लगा दी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि खेसारी दाल में ठक्जेलीडाई-अमीनों-प्रोपियोनिक अम्ल होता है जो शरीर के निचले हिस्से को अपंग बना देता है।
और इसी वजह से शरीर के नीचे का हिस्सा काम करना पूरी तरह से बंद कर देता है। लेकिन सरकार ने इस साल इस दाल पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। चूंकि सस्ती होने की वजह से गरीब तबके के लोग अनजाने में इसे खाने पर मजबूर हो रहे हैं। जानकारी के अभाव में वे इस तरह की दाल खाने से खुद शिकार बन रहे हैं।