मंदिरों में अक्सर दंपति एक साथ पूजा करते हैं. इससे उनके रिश्ते अच्छे बने रहते हैं और दोनों के रिश्ते में खटास नहीं आती. इसके अलावा दोनों ही हमेशा एक दूसरे की साथ के लिए भी पूजा करते हैं. पति पत्नी दोनों ही अपने रिश्ते के लिए पूजा करते हैं. लेकिन एक ऐसा मंदिर है जहां दंपति का एक साथ पूजा करना वर्जित है. जी हाँ, कहा जाता है इस मंदिर में अगर पति पत्नी साथ में पूजा करते है तो दोनों के रिश्ते बिगड़ जाते हैं. आइये जानते हैं इस मंदिर का रहस्य. 
दरअसल, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है. हिमालय की गोद में बना यह मंदिर श्राई कोटि माता के नाम से प्रसिद्ध है. यह देवी दुर्गा को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जहां पति-पत्नी को एक साथ देवी माता की पूजा और प्रतिमा का दर्शन करने की मनाही है. इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि यदि कोई दंपति यहां देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन एक साथ कर लेता है, तो उसे दंड भुगतना पड़ता है. इतना ही नहीं यहां पति और पत्नी के लिए देवी के पूजन और दर्शन की अलग-अलग व्यवस्थाएं है.
इसके पीछे एक कहानी भी है. कहा जाता है यहां प्रचलित किंवदंती के अनुसार, एक बार जब भगवान गणेश और कार्तिकेय में कौन श्रेष्ठ है और किसका विवाह पहले होगा, इसे लेकर प्रतियोगिता हुई. तब ब्रहमाजी ने कहा जो ब्रह्माण्ड का चक्कर सबसे पहले लगा लेगा, उसे श्रेष्ठ माना जाएगा और उसका विवाह पहले होग. तब कार्तिकेय अपने वाहन मयूर पर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए निकल पड़े, लेकिन गणेश ने शिव और पार्वती की परिक्रमा की और कहा कि माता-पिता के चरणों में ही पूरा ब्रह्माण्ड है. ये कथा आप भी जानते ही होंगे.
इसी के बाद कार्तिकेय के वापिस आने तक गणेश का विवाह हो गया था. जिसके कारण कार्तिकेय रुष्ट हो गए और उन्होंने प्रण लिया की वह विवाह नहीं करेंगे. कार्तिकेय के प्रण से माता पार्वती क्रोधित हो गई और कहा कि जो दंपति इकट्ठे उनके दर्शन करेंगे, वह अलग हो जाएंगे.
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