ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे पर बुधवार को इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया। उनका अंतिम ब्रेक्जिट दांव विफल रहा। सभी सांसदों ने उनके प्रयास को ठुकरा दिया और यहां तक कि उनके कुछ मंत्रियों ने आलोचना भी की।

ब्रेक्जिट रिफ्रेंडम पर अपना रुख नरम कर लेने के बाद भी उनका राजनीतिक भविष्य अधर में लटक गया है।टेरीजा के इस्तीफे की मांग ने ब्रिटेन के ब्रेक्जिट संकट को और गहरा कर दिया है। ब्रिटेन ने जिस समय यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए मतदान किया था तब से करीब तीन साल का समय बीत चुका है।
निर्धारित विदायी के दो माह शेष रह जाने के दौरान यह साफ नहीं हो पाया है कि कब और कैसे ब्रेक्जिट होगा। मंगलवार को आखिरी प्रयास में ब्रिटिश संसद बुरी तरह बंटा हुआ था। टेरीजा ने सांसदों को इस बात पर मतदान करने की पेशकश की कि क्या दूसरा ब्रेक्जिट रिफ्रेंडम कराया जा सकता है, लेकिन कंजरवेटिव और विपक्षी लेबर के सांसदों ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के एग्रीमेंट बिल वापस लेने की आलोचना की। गुरुवार को यूरोपीय चुनाव के बाद प्रधानमंत्री अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकती हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal