यूपी के इलाहाबाद में मामूली विवाद में एलएलबी के छात्र दिलीप सरोज की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. एडीजी एसएन सबत ने बताया कि हत्या के मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसस पहले भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस ने बताया कि एलएलबी के छात्र की हत्या में शामिल एक अन्य आरोपी ज्ञानप्रकाश अवस्थी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने एक फॉर्च्यूनर कार भी जब्त की है. पुलिस का कहना है कि घटना वाले दिन आरोपी इसी कार में सवार होकर आए थे. कर्नलगंज के कटरा बाजार के एक रेस्टोरेंट में मामूली कहासुनी हो गई.
इसके बाद दबंगों ने 9 फरवरी की रात लाठी, डंडे से पीटकर 26 वर्षीय छात्र दिलीप सरोज की हत्या कर दी. दिलीप मारपीट के बाद ही कोमा में चला गया था और एक निजी अस्पताल में रविवार सुबह उसकी मौत हो गई. इलाहबाद डिग्री कॉलेज से LLB की पढ़ाई कर रहा दिलीप यूनिवर्सिटी रोड के पास एक रेस्टोरेंट में खाना खाने आया हुआ था.
खाना खाने के बाद वह रेस्टोरेंट के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर फोन पर बात कर रहा था. तभी तीन से चार लोग रेस्टोरेंट की सीढ़ियों से उतरे और दिलीप से हल्का सा टकरा गए. इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी होने लगी. उसके बाद इन लोगों ने उसे सीढ़ियों से घसीट कर बुरी तरह पीटने लगे. पिटाई के बाद दिलीप मरणासन्न हालत में हो गया.
बदमाश उसे रेस्टोरेंट की सीढ़ियों से घसीट कर सड़क पर ले आए. बेहोशी की हालत में भी उसके सिर और पैरों पर रॉड और पत्थरों से मारते रहे. रेस्टोरेंट में लगे CCTV में यह पूरी घटना कैद हो गई. इसके आधार पर पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. डाक्टरों के मुताबिक दिलीप के सिर में गहरी चोट लगी थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने कहा कि दिलीप के भाई की तहरीर पर तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. CCTV फुटेज और इस घटना के वायरल हुए वीडियो के आधार पर मुख्य अभियुक्त के तौर पर विजय शंकर सिंह की पहचान की गई है, जो रेलवे में टीटीई के पद पर कार्यरत है, वह फरार चल रहा था.
उन्होंने बताया कि कालका होटल के मालिक अमित उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया है. वह विजय शंकर सिंह को पहले से जानता था और घटना के समय वहीं मौजूद था, लेकिन इस घटना की सूचना उसने पुलिस को नहीं दी. यह वारदात पुलिस तंत्र पर भी सवाल खड़े करती है. भरे बाजार पुलिस का ना होना लापरवाही को दर्शाता है.