कुलभूषण जाधव मामले में नीदरलैंड के द हेग की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भारत के हाथों मात खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस फैसले को लेकर अतरराष्ट्रीय न्यायालय की सराहना करते हुए कहा कि वह कानून के मुताबिक ही आगे बढ़ेंगे।
खान ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम कमांडर कुलभूषण जाधव को रिहा नहीं करने और भारत वापस नहीं भेजने के न्यायलय के फैसले की सराहना करते हैं। वो पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए अपराध के लिए दोषी हैं। पाकिस्तान इस मामले में कानून के अनुसार ही आगे बढ़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है। आईसीजे ने बुधवार को पाकिस्तान से जाधव को जासूसी और साजिश के आरोपों में मौत की सजा के अपने आदेश की समीक्षा करने के लिए कहा। अदालत ने उसे वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने के लिए कांसुलर एक्सेस दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जाधव मामले में 15-1 वोट से आईसीजे ने भारत के इस दावे को सही ठहराया कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के तहत कंसलर रिलेशन का उल्लंघन किया है।
उन्होंने आगे कहा कि हम ICJ के उस निर्देश की भी सराहना करते हैं कि जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई सजा पर पुनिर्विचार करने के लिए कहा गया। पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि देश आंतरिक समुदाय के एक ‘जिम्मेदार सदस्य’ के रूप में मामले की शुरुआत से ही अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखा। नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि जाधव निर्दोष हैं और ‘उनका अपहरण ईरान से किया गया था, जहां वह रह रहे थे और भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापार कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान द्वारा कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
49 वर्षीय जाधव को कथित रूप से 3 मार्च, 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर ईरान से देश में प्रवेश किया था, जैसा कि इस्लामाबाद ने दावा किया था। 25 मार्च, 2016 को पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव ऐज़ाज़ अहमद चौधरी ने जाधव की गिरफ्तारी के लिए इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को सूचित किया था।
तब से, पाकिस्तान ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि इस्लामाबाद ने भारतीय उच्चायुक्त को जाधव की गिरफ्तारी के बारे में सूचित करने के लिए तीन सप्ताह का समय क्यों लिया। इसके बाद जाधव को 11 अप्रैल, 2017 को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। 8 मई 2017 को भारत ने पाकिस्तान द्वारा मामले में कांसुलर कन्वेंशन, 1963 पर वियना कन्वेंशन के उल्लंघन में ICJ से संपर्क किया। भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 (1) (बी) का उल्लंघन किया है। जिसके तहत पाकिस्तान को जाधव की गिरफ्तारी के बारे में भारत को सूचित करना चाहिए था।