FATF के एक्शन से पाकिस्तान को बचाने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों की छटपटाहट बढ़ती जा रही है। एक ओर वे आरोप लगा रहे हैं कि भारत FATF में पाकिस्तान को Blacklist कराने की कोशिशें कर रहा हैं,

ताकि आवाम का ध्यान भटकाया जा सके जबकि दूसरी ओर चीन का दरवाजा खटखटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि एफएटीएफ पाकिस्तान पर कोई एक्शन नहीं ले। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान और प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन यात्रा इन्हीं कावायदों का हिस्सा मानी जा रही है।
ऐसे में जब 13 से 18 अक्टूबर के बीच एफएटीएफ की बैठक होने वाली है कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत उनके मुल्क को FATF द्वारा Blacklist कराए जाने की कोशिशों में लगा हुआ है। इमरान खान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने के लिए बीजिंग पहुंच गए हैं। चूंकि, इन दिनों एफएटीएफ की अध्यक्षता चीन के पास है, इसलिए पाकिस्तान की कोशिश दबाव बनाकर FATF के एक्शन से बचने की होगी।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान विकास की गति तेज करने के लिए चीनी राष्ट्रपति से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाएगा। इमरान खान इस तीन दिवसीय दौरे में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली कछ्यांग से बड़ी परियोजनाओं की स्थापना पर बात करेंगे। ये परियोजनाएं पनबिजली, तेलशोधक कारखाने और इस्पात संयंत्र से जुड़ी हैं। ये सभी परियोजनाएं चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) का हिस्सा होंगी।
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