आगामी बजट में वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है जिनसे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को रफ्तार दिलाने में मदद मिलेगी, क्योंकि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आर्थिक विकास दर 17 महीने के निचले स्तर पर 5.8 फीसदी दर्ज की गई और हालिया आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर 6.1 फीसदी दर्ज की गई. सूत्रों के अनुसार, इन मसलों के समाधान के लिए विशेषज्ञों, उद्योग और नागरिकों से सुझाव लिया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आर्थिक सुस्ती से देश को उबारने के लिए वित्त मंत्रालय और पीएमओ द्वारा परामर्श के दृष्टिकोण को अपनाया जा रहा है और जहां जरूरत होगी वहां अंतरिम बजट से अधिक आवंटन किया जाएगा.
पीएम-किसान योजना का लाभ अब देश के 14.5 करोड़ किसानों को मिलेगा जिस पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे. वहीं, पेंशन योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम की घोषणा पहले की जा चुकी है. पीएमओ ने आगामी बजट 2019-20 के लिए प्रमुख सुझाव मांगे हैं और मंत्रालयों को बजटीय आवंटन संबंधी मुद्दे भेजने को कहा गया है। आम बजट संसद में पांच जुलाई को पेश किया जाएगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रमुख उद्योग चैंबर्स, सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के साथ 11 जून को बैठक करने वाली हैं। देश के नागरिकों से भी 20 जून तक अपने सुझाव देने को कहा गया है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पूर्व सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि प्रमुख घोषणाएं नियमित बजट में की जाएंगी. नवनिर्वाचित 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून को आरंभ होगा और यह 26 जुलाई तक चलेगा. संसद में बजट पेश होने के एक दिन पहले चार जुलाई को 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा.