निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नकदी की पर्याप्त उपलब्धता और प्रोत्साहन निर्माण सहित कई उपायों को आगामी बजट में शामिल किया जाना चाहिए। ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया ने गुरुवार को ये बातें कहीं।

टीपीसीआई के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने एक बयान में कहा, ‘सरकार को क्रेडिट फाइनेंसिंग और पर्याप्त नकदी के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों की कर्ज देने वाले कैप में वृद्धि करके नकदी और विनिर्माण बाधाओं को दूर करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि कृषि-निर्यात और खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करके भारत को उस स्थिति में ले जाया जा सकता है जिसकी लंबे समय से दरकार है।
सिंगला ने कहा कि आगामी बजट में निर्यात उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आपूर्ति की बाधाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में एक पारिस्थितिक तंत्र बनाने के लिए सहायक विनिर्माण में अग्रणी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है, सिंगला ने कहा कि इन्फ्रा और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में निवेशकों के लिए कम से कम पांच साल टैक्स छूट दी जा सकती है। टीपीसीआई अध्यक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि बागवानी सहित जैविक खेती में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘2015 में कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसद करने की घोषणा की गई थी, आज यह 30 फीसद है (250 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए)। 5 फीसद की कॉर्पोरेट टैक्स कटौती को कैप के बावजूद सभी संस्थाओं तक बढ़ाया जा सकता है। इससे भारत को एफडीआई को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
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