पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दमदार वापसी की और लगातार तीन मुकाबले जीतते हुए सीरीज 3-2 से अपने नाम की। 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन-डे सीरीज गंवाने के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने घरेलू जमीन पर वन-डे सीरीज गंवाई। इस सीरीज हार से टीम इंडिया के मनोबल पर असर पड़ा क्योंकि 2019 विश्व कप से पहले यह उसकी आखिरी वन-डे सीरीज थी। चलिए आपको बताते हैं कि भारतीय टीम किन पांच वजहों से आखिरी मुकाबला गंवा बैठी:
ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स बने मुसीबत – आरोन फिंच और उस्मान ख्वाजा ने 76 रन की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों ने प्रत्येक ओवर में कम से कम एक बाउंड्री हासिल की और भारतीय तेज गेंदबाजों को अपने विकेट नहीं दिए। फिंच ने जरूर धीमी शुरुआत की, लेकिन वह सहायक की भूमिका निभाकर खुश थे। वहीं ख्वाजा ने शानदार प्रदर्शन जारी रखा और अन्य बल्लेबाजों के लिए शानदार प्लेटफॉर्म बनाया।
ख्वाजा-हैंड्सकॉम्ब ने बढ़ाया कोहली का सिरदर्द – फिंच और ख्वाजा ने मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों के लिए शानदार मंच तैयार कर ही दिया था। फिंच के आउट होने के बाद पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ख्वाजा का बखूबी साथ निभाया। दोनों ने मिडिल ओवर्स में बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना पेश किया और दूसरे विकेट के लिए 99 रन की साझेदारी की। ख्वाजा शतक बनाने के बाद पवेलियन लौटे। हालांकि, तब तक कंगारू टीम मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी थी।
टॉप-थ्री में से दो का फ्लॉप होना – टीम इंडिया अपने शीर्ष तीन बल्लेबाजों पर काफी हद तक निर्भर है, जो लोग अच्छे से जानते हैं। जब टॉप-थ्री बल्लेबाज प्रदर्शन नहीं करते, तो टीम इंडिया का मैच जीतना मुश्किल हो जाता है। फिरोजशाह कोटला में ऐसा ही देखने को मिला। शिखर धवन और विराट कोहली सस्ते में आउट हो गए। टीम इंडिया के लिए यही से मैच पलट गया और अंत तक वो वापसी नहीं कर सका।
ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स का कमाल – टीम इंडिया को जीत दिलाने की जिम्मेदारी मिडिल ऑर्डर पर थी। ऋषभ पंत, विजय शंकर और रविंद्र जडेजा के पास रन बनाकर टीम को मैच जिताने व विश्व कप का टिकट हासिल करने का शानदार मौका था। मगर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों की योजना अलग थी।
नाथन लियोन और एडम जंपा ने अपनी फिरकी पर भारतीय बल्लेबाजों को खूब डांस कराया और फिर मिडिल ऑर्डर को उखाड़ दिया। टीम इंडिया एक समय 2 विकेट खोकर 91 रन बना चुकी थी, लेकिन स्पिनर्स ने उसे 6 विकेट पर 136 रन के स्कोर पर ढकेल दिया। भारतीय टीम इसी वजह से मैच में पिछड़ गई।
पंत, शंकर और जडेजा ने नहीं उठाया मौके का फायदा – भारतीय युवा ब्रिगेड के पास अपनी प्रतिभा साबित करने का शानदार मौका था। ऋषभ पंत, विजय शंकर और रविंद्र जडेजा को बल्ले के साथ अपनी उपयोगिता साबित करने का सटीक मंच मिला था। इस मुकाबले में प्रदर्शन करके उन्हें टिकट टू वर्ल्ड कप मिलना तय था। हालांकि, तीनों ही इस मौके का फायदा उठाने से चूक गए। पंत और शंकर क्रमश: 16-16 रन बनाकर पवेलियन लौटे जबकि जडेजा खाता भी नहीं खोल सके।