धरती पर कई जाति व धर्म के लोग एक साथ रहते हैं, जिसमें सभी धर्म कि अपनी अलग मान्यता है। लेकिन अगर आत्मा कि बात की जाए, तो इस पर सभी यही मानते हैं कि आत्मा होती है और किसी न किसी रूप से मानव जीवन को प्रभावित करती है। वहीं अगर हिन्दू धर्म कि बात की जाए, तो इसका आत्माओं पर ज्यादा विश्वास है। हिन्दू धर्म में मौजूद गई ग्रन्थ भी आत्मा के होने कि पुष्टी करते हैं। जिनमें कई आत्माएं ऐसी होती हैं, जो मानव जीवन को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन कुछ आत्माएं मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। आज हम आपसे कुछ ऐसी ही बातों पर चर्चा करने वाले हैं, यहां पर हम जानेंगे कि आखिर किस प्रकार से मानव जीवन को आत्माएं प्रभावित करती है, वो क्या कारण है, जो मानव कि ओर खिचीं आती है आत्माएं।
मृत शरीर को दफनाने अथवा जलाने के बाद शमशान में पीछे मुड़कर नहीं देखा जाता। ताकि उन्हें पता रहे संसारिक लोग अब उन्हें भूल चुके हैं। उन्हें भी इस लोक से अपना नाता तोड़, पितरों के लोक में जाना होगा। मृत व्यक्तियों की स्मृतियों को भुल जाने में ही भलाई है अन्यथा उनका मोह संसार से नहीं जाता।
परफ्य़ूम, इत्र और तेज गंध वाली वस्तुएं रात के समय इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। इनकी ओर आत्माओं का विशेष रूझान होता है। अकसर जादू-टोना और आत्माओं को निमंत्रण देने के लिए लोबान और तेज गंध वाली वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है।
रोग ग्रस्त शरीर की ओर आत्माएं आकर्षित होती हैं। बीमार होने पर भी जिस व्यक्ति का आत्मबल मजबूत है, उस पर किसी भी तरह की नकारात्मकता हावी नहीं होती।
आत्मा नया शरीर पाने के लिए गर्भवती महिडलाओं पर नजर गड़ाए रखती है। आधी रात को उन्हें घर से नहीं निंकलना चाहिुए।
जिन स्थानों पर ताजी हवा, धूप और दीप नहीं दिंखाया जाता, वे आत्माओं के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं।
शारीरिक साफ-सफाई न रखने वाला नकारात्मक शक्तियों को निमंत्रण देता है।