वित्तीय वर्ष हाल ही में खत्म हुआ है और ऐसे समय जीएसटी के नाम से कारोबारियों के पास ई-मेल भेजी जा रही है, जिसमें उनका जीएसटी भुगतान कटने की बात कही जा रही है। साथ ही एक लिंक भी भेजा जा रहा है जो जीएसटी का न होकर इनकम टैक्स के नाम से है। अधिकारियों के मुताबिक यह फर्जी मेल है और इसका लिंक खोलने से यह किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकता है।
जीएसटी और आयकर दोनों ही ऑनलाइन है। कारोबारियों को अक्सर दोनों विभाग की साइट देखनी पड़ती हैं। कारोबारी इस बात से भी परेशान रहते हैं कि कहीं कोई गलत इंट्री न हो जाए। कारोबारियों के इसी उलझाव का लाभ उठाकर ऑनलाइन ठगों ने फर्जी मेल भेजनी शुरू कर दी हैं। यह मेल डू नॉट रिप्लाई एट जीएसटी डॉट जीओवी डॉट इन से भेजी जा रही है। इसमें कारोबारी को बताया जा रहा है कि उसका जीएसटी भुगतान नेट बैंकिंग अकाउंट से काट लिया गया है।
इस रकम की जानकारी भी दी जा रही है। इसके साथ जीएसटी भुगतान का चालान भी एक लिंक में अटैच करके भेजने की बात कही जा रही है। वह लिंक इसी मेल में अटैच है लेकिन यह लिंक जीएसटी का न होकर इनकम टैक्स इंडिया के नाम से है। मेल में चालान को डाउनलोड कर सुरक्षित करने की सलाह भी दी जा रही है।
इनकी ये है सलाह
यह मेल हमारे पास भी आया है। थोड़ा सा ध्यान से पढऩे से समझ में आ जाता है कि ई-मेल फर्जी है। संगठन कारोबारियों को सचेत कर रहा है कि यह मेल न खोलें।
– पंकज अरोड़ा, राष्ट्रीय सचिव, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
जीएसटी डू नॉट रिप्लाई लिख कर मेल नहीं भेजता। इस मेल में लिंक इनकम टैक्स इंडिया का दिया है जो खुद बताता है मेल फर्जी है। जिन्हें ऐसी मेल मिलें, वे शिकायत जरूर करें।