इटली से हनीमून मनाकर लौटी आगरा की महिला को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ गया।
महिला का पति बंगलूरू में कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसका पता चलने पर वो बंगलूरू से आगरा आ गई। उसके परिजन स्वास्थ्य विभाग की टीम को गुमराह कर रहे थे।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की लैब में भेजे गए महिला के सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरा सैंपल लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) को भेजा गया है।
अगर केजीएमयू की जांच में उसका सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तब ही महिला को कोरोना संक्रमित घोषित किया जाएगा अन्यथा नहीं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि महिला की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।
आगरा कैंट क्षेत्र में रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी की बेटी का विवाह एक माह पहले कर्नाटक में नौकरी करने वाले युवक के साथ हुआ था। शादी के बाद दोनों हनीमून के लिए इटली गए थे। इटली से लौटने के बाद पति में कोरोना वायरस पाया गया था।
इसके बाद उक्त महिला को भी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था, लेकिन सैकड़ों लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालकर महिला बंगलूरू से अपने परिवार के पास आगरा आ गई।
इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की रेपिड रिस्पॉन्स टीम ने पहले उसे रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भेजा गया।
बृहस्पतिवार को आगरा से आए महिला सहित 12 लोगों के सैंपल अलीगढ़ भेजे गए थे। इनमें से 11 नेगेटिव पाए गए। महिला के सैंपल में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई है। एएमयू के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी ने बताया कि अधिक पुष्टि के लिए नमूने को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है।
महिला को लेने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। परिजनों ने महिला की जानकारी छिपाते हुए उसके दिल्ली जाने की बात बताई। इससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस के आने पर महिला को आइसोलेशन वार्ड ले जाने दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि परिजन मरीज की सही जानकारी नहीं दे रहे थे, रेलवे अधिकारी और सभी ने काउंसलिंग कर समझाया। तब कहीं परिजनों ने संभावित मरीज को लेकर आने दिया।