राजधानी दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार को हुए बम धमाके से जुड़ा एक लिफाफा मिला है जिसके बाद इस घटना का ईरान कनेक्शन सामने आया है. इस लिफाफे में इस ब्लास्ट को ट्रेलर बताया गया है और बदला लेने की बात कही गई है. मौके से मिले लिफाफे में 2020 में मारे गए कासिम सुलेमानी और ईरान के वरिष्ठ न्यूक्लियर वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह का भी जिक्र है.
लिफाफा मिलने के बाद इस घटना के पीछे ईरान कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है. इससे पहले साल 2012 में इजरायल की एक कार में धमाका हुआ था. इस धमाके में 2 ईरानी शामिल थे. ये लोग दिल्ली के पहाड़गंज के होटल में रुके थे. कार में धमाके के बाद ये लोग ईरान फरार हो गए थे. जांच एजेंसियों को इन लोगों की अब भी तलाश है.
उधर, इजरायली विदेश मंत्रालय ने इस घटना को आतंकी वारदात करार दिया है. इजरायली विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस घटना को लेकर विदेश मंत्री गाबी अश्केनजी को नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है. उन्होंने सभी आवश्यक सुरक्षा कदम उठाने का आदेश दिया है.
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी लिफाफे की टच डीएनए करवाएगी. मोसाद के बारे में कहा जा रहा है कि यह एजेंसी अपने लेवल पर काम करती है. हालांकि अभी तक मोसाद के स्पॉट पर आने की कोई आधिकारी जानकारी नहीं है. लेकिन इस घटनाक्रम पर मोसाद नजर बनाए हुए है. बताया जा रहा है कि जल्द ही मोसाद की टीम भी घटना की जांच करने दिल्ली आ सकती है.
स्पेशल सेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बम में अमोनियम नाइट्रेट (पटाखे में भी इस्तेमाल होता है) का इस्तेमाल का अंदेशा है. इस धमाके में छोटे-छोटे बॉल बेयरिंग भी इस्तेमाल किए गए थे. घटनास्थल ले सॉफ्ट ड्रिंक की कैन के कुछ टुकड़े मिले हैं. शक है कि इसके जरिये ही विस्फोटक तैयार किया गया था. बताया जा रहा है कि 3 बजे के करीब जब इजरायली दूतावास से सभी लोग जा चुके थे. उस दौरान यह धमाका हुआ. बम प्रेशर से फटा इसलिये सड़क के दूसरी तरफ के कार के शीशे भी टूटे. सूत्रों की मानें तो बम ब्लास्ट का मकसद दहशत फैलाना है.