देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में रोजाना मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले करीब चार महीनों में पहली बार 40,953 मरीज मिले हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ है कि काबू में आ चुकी महामारी एक बार फिर बेकाबू हो गई है। इसके लिए सिर्फ इंसानी लापरवाही जिम्मेदार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दोबारा महामारी को रफ्तार पकड़ने की दो वजहें हैं। पहला अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए दी गई ढील और वायरस को लेकर लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही।
इसी का नतीजा है कि अब स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में फरवरी में दस हजार से कम मामले थे। अचानक मार्च में कोरोना का प्रसार तेज हुआ। 20 मार्च तक पिछले सात दिनों में औसतन 31,651 मामले सामने आए हैं।
इसमें से भी अधिकतर मामले महाराष्ट्र में मिले हैं। लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फिजिशियन डॉ. संदीप चौधरी बताते हैं कि लॉकडाउन में ढील के साथ ही लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी थी। शादी और अन्य सामाजिक समारोह का भी आयोजन बिना सावधानी के हो रहा है। इसी तरह की अन्य गतिविधियां देश में वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार हैं।
केजीएमयू के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट के हेड डॉ. वेद प्रकाश बताते हैं कि महामारी की गति धीमी हुई तो लोगों के चेहरे से मास्क लगभग उतर गया था। इस कारण भी वायरस को पनपने का मौका मिला। अब जब वायरस के प्रसार की गति तेज हो गई है तो एक व्यक्ति कितने को संक्रमित कर रहा है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। ऐसे में समझदारी जरूरी है।