ब्रिटेन स्थित भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग ने गुरुवार को लंदन में इंडो-पैसिफिक सम्मेलन की सह-मेजबानी की। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की रणनीतियों पर चर्चा करना था। सम्मेलन में क्षेत्रीय मजबूती पर चर्चा की गई।
एक मंच पर एक साथ आए तीन देश
इस अनूठे सहयोग ने क्षेत्रीय सुरक्षा के खतरों से निपटने और रणनीतिक स्थिरता बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया, भारत और ब्रिटेन को एक मंच पर लाया गया। इसके तहत प्रमुख विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
‘इंडो पैसिफिक पर अधिक फोकस की जरूरत’
ब्रिटेन में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त स्टीफन स्मिथ ने कहा कि इंडो-पैसिफिक जैसे विषय पर कभी भी अधिक फोकस में नहीं किया गया। चाहे ऑस्ट्रेलिया हो, भारत हो या ब्रिटेन हो। इस सम्मेलन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिति कैसी है। साथ ही इंडो-पैसिफिक के अंदर और बाहर दोनों जगह रणनीतिक माहौल को आकार देने का काम जारी है।
इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर
ब्रिटिश में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की स्थायी प्रतिबद्धता है, जो हमारी द्विपक्षीय साझेदारी की ताकत में परिलक्षित है।
भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि हमारे विचार अन्य साझेदारों के साथ मेल खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को लेकर हम अमेरिका, जापान, आसियान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ रणनीति मजबूत कर रहे हैं।
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